हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक पारा एक बार फिर चढ़ गया है। इस बार विवाद का केंद्र बनी है ‘नारी शक्ति योजना’। माननीय पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष, जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) जी ने प्रदेश भाजपा (BJP) विधायक दल के साथ हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर कांग्रेस सरकार (Congress Government) पर आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) के उल्लंघन का आरोप लगाया।
कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि वह चुनाव के दौरान ‘नारी शक्ति योजना’ (Nari Shakti Yojana) के तहत महिलाओं को 1500 रुपये देने के लिए फॉर्म भरवा रही है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और मौजूदा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) की फोटो लगी हुई है। भाजपा का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में भी कांग्रेस ने इसी प्रकार के फॉर्म भरवाकर महिलाओं के साथ धोखा किया था।
भाजपा नेताओं का खाना है कि प्रदेश भर में लगे अयोध्या श्रीराम मंदिर (Ayodhya Shri Ram Temple) के पोस्टर और बैनर हटाए जा रहे हैं, जिनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है, जबकि नेताओं के पोस्टर अभी भी नहीं हटाए गए हैं। भाजपा ने इन सभी मुद्दों को चुनाव आयोग के समक्ष उठाया है और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस विवाद ने हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक तनाव को और भी बढ़ा दिया है। एक ओर जहां कांग्रेस सरकार नारी शक्ति योजना के माध्यम से महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की दिशा में काम करने का दावा करती है, वहीं भाजपा इसे चुनावी स्टंट बताते हुए इसके खिलाफ कदम उठा रही है। इस पूरे मामले में जनता की निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हुई हैं, जिससे इस विवाद का निपटारा हो सके।
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में यह नया मोड़ न केवल दो प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच की दरार से यह दर्शाता है कि चुनावी दौर में किस प्रकार से राजनीतिक दल वोट बैंक को साधने के लिए विविध हथकंडे अपनाते हैं।