हिमाचल प्रदेश में ताजा हिमपात ने पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा प्रदान की है। इस बर्फबारी ने किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, चंबा, और शिमला जैसे जिलों को एक सफेद चादर से ढक दिया है। यह घटना न केवल प्राकृतिक सौंदर्य की बानगी प्रस्तुत करती है, बल्कि इसने स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।
इस हिमपात के कारण जहां एक ओर 566 सड़कें और 6 राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गए, वहीं दूसरी ओर इसने पर्यटन क्षेत्र के लिए नए अवसर खोले हैं। कुफरी जैसे स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी है, जिससे स्थानीय व्यापार और पर्यटन सेवाओं को बढ़ावा मिला है। पर्यटकों के आने से होटल, रेस्तरां, और यात्रा संबंधी व्यवसायों में वृद्धि हुई है, जो कि पिछले कुछ महीनों में सुस्त पड़ गए थे।
इसके अलावा, यह हिमपात सेब की खेती के लिए भी बेहद फायदेमंद है। हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, और इस हिमपात ने सेब के बागों को जरूरी ठंडक और नमी प्रदान की है, जो कि सेब की अच्छी गुणवत्ता और पैदावार के लिए अनिवार्य है। इससे किसानों को आगामी फसल के लिए उम्मीदें बंधी हैं।
हिमपात के इस दौर में बिजली आपूर्ति में आई बाधा और सड़कों के बंद होने से जनजीवन पर भी असर पड़ा है। सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं। बर्फ हटाने के लिए मशीनों और कर्मचारियों की टीमें लगाई गई हैं, और बिजली व्यवस्था को बहाल करने के लिए भी प्रयास जारी हैं।