मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने घोषणा की है कि हिमाचल प्रदेश सरकार उधार लेने पर अपनी आश्रितता को कम करने का लक्ष्य रख रही है। उन्होंने इस बारे में एक स्थानीय समाचार पत्र को संवाद के माध्यम से बताया है। इसका प्रमुख उद्देश्य है कि राज्य को वित्तीय स्थिति में सुस्ती करके अपनी आर्थिक आधारभूतता को मजबूत बनाया जाए।
हिमाचल प्रदेश सरकार का वित्तीय विकास योजना के तहत यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करके राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक प्रगतिशील पहल है जो हिमाचल प्रदेश को वित्तीय स्वायत्तता की ओर ले जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस योजना को सफल बनाने के लिए विभिन्न पहलों का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को आर्थिक स्वायत्तता प्राप्त करने के लिए अपने आर्थिक संसाधनों का उचित उपयोग करने की आवश्यकता है। इसके लिए, उन्होंने राज्य को विकास के लिए नई और समृद्धि की गतिशीलता प्रदान करने के लिए योजनाएं शुरू करने की योजना बनाई हैं।
सुखविंदर सिंह सुखु ने इस समाचार में कहा कि सरकार के इस पहल का अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए निरंतर मॉनिटरिंग करना चाहिए। यह योजना एक सामरिक उद्देश्य को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जिसका मतलब है कि यह राज्य को आर्थिक दृढ़ता प्रदान करने के साथ-साथ राज्य की रक्षा तथा सुरक्षा में भी सुदृढ़ता लाएगी।
इस पहल के अंतर्गत, सुखविंदर सिंह सुखु ने यह भी बताया है कि सरकार आर्थिक विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन सेक्टर में नए परियोजनाओं को शुरू करने की योजना बना रही है। यह सेक्टर हिमाचल प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।
सुखविंदर सिंह सुखु ने अपने बयान में साझा किया कि सरकार को विभिन्न आर्थिक संस्थाओं, निजी सेक्टर के साथीदारों और अन्य सरकारी विभागों के साथ मिलकर काम करना होगा। इसके अलावा, विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के लिए निजी निवेशकों को आकर्षित करने की भी योजना बनाई जाएगी।
इस स्थानीय समाचार पत्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश सरकार अब उधार लेने की आवश्यकता को कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। यह पहल राज्य को वित्तीय स्थिति में सुस्ती और आर्थिक आधारभूतता में मजबूती प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल हिमाचल प्रदेश को स्वायत्तता की ओर अग्रसर करेगी और राज्य के विकास को तेजी से बढ़ाएगी।