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मनाली से किरतपुर तक 4 घंटों में, शिमला से धर्मशाला तक 3.5 घंटों में

किरतपुर से मनाली तक 4 घंटे में, शिमला से धर्मशाला तक 3.5 घंटे में! यह कैसे संभव हो सकता है? यह आश्चर्यजनक सूचना जैसे प्रतीत हो रही है, लेकिन आपको हैरान होने की आवश्यकता नहीं है। यह सम्भव होने जा रहा है और इसकी जानकारी केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री अनुराग ठाकुर ने इंटरनेशनल इंजीनियरिंग कांफ्रेंस (IEC) 2023 के दौरान साझा की है। इस अद्भुत प्रयास के माध्यम से उन्होंने बताया है कि इन राजमार्गों पर शीघ्र ही उच्चतम गति के सड़क वाहन चालन योजना का शुभारंभ किया जाएगा।

यह पहल हमारे देश के यातायात व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्तमान में मनाली और धर्मशाला की यात्रा कठिन होती है और इसमें कई घंटे लग जाते हैं। इस प्रयास के माध्यम से यात्रा का समय कम होगा और इन पर्यटन स्थलों के लिए आसान पहुंच बनेगी। यह इस सुंदर प्रदेश के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इसे पर्यटन और व्यापार के लिए आकर्षक बनाने में मदद मिलेगी।

अनुराग ठाकुर ने इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत नई सड़कों और टनलों का निर्माण किया जाएगा ताकि वाहनों को अवरोध मिले और यात्रा का समय कम हो सके। इसके लिए नवीनतम टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग का उपयोग किया जाएगा ताकि यह संभव हो सके।

मनाली से किरतपुर तक का राजमार्ग लगभग 220 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें कई लंबी टनल शामिल होंगे। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत इन टनलों का निर्माण किया जाएगा जो इन पहाड़ियों के नीचे से गुजरेंगे। इसके अलावा इस राजमार्ग के बीच-बीच में आदर्श खुले स्थल, पेट्रोल पंप और रेस्ट एरियां भी बनाए जाएंगे ताकि यात्रियों को सुविधा मिले।

वहीं, शिमला से धर्मशाला तक का राजमार्ग लगभग 250 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें भी टनलों का निर्माण किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट भी यात्रा को सरल और समय कम करने का उद्देश्य रखेगा।

इस प्रयास के माध्यम से पर्यटकों को मनाली, धर्मशाला, शिमला और इन पहाड़ी इलाकों के आस-पास की सुंदरता का आनंद लेने का अवसर मिलेगा। इन स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता वास्तव में अद्वितीय है और लोग इन्हें देखने के लिए यहां आते हैं।

इस पहल के माध्यम से पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां के होटल, रेस्टोरेंट, दुकानें और अन्य सामग्री सप्लाई चेन के विकास में भी सक्षमता आएगी। इससे स्थानीय लोगों को नौकरी के अवसर भी मिलेंगे और इसके परिणामस्वरूप राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

इस पहल के माध्यम से सड़क और परिवहन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पर्यटन और यातायात के क्षेत्र में सुधार करने की प्रतिबद्धता दिखा रहा है। इससे यात्रा का समय कम होगा, पर्यटकों को आसानी से स्थानों तक पहुंच मिलेगी और राज्य की आर्थिक विकास में भी सकारात्मक प्रभाव होगा।

 

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