रोजाना24,केलांग 1 अप्रैल : जनजातीय क्षेत्र जिला लाहौल स्पीति के केलांग मुख्यालय में वन विभाग की सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट की लैंडस्केप लेवल परियोजना प्रबंधन कमेटी की वार्षिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त जिला लाहौल स्पीति सुमित खिमटा ने कहा कि जिला के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट के तहत दीर्घकालिक स्थाई कार्ययोजना को प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित बनाया जा रहा है | ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से लोगों को दिक्कतों की सामना ना करना पड़े |
उन्होंने कहा कि मानवीय हस्तक्षेप के चलते रोजाना बढ़ती गतिविधियों से यहां की परिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित हो रहा है इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए स्थानीय हित धारको और जन सहभागिता की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित बनाने पर पर बल दिया जा रहा है |
उपायुक्त सुमित खिमटा ने कि जिला लाहौल स्पीति के तिंदी व उदयपुर वन परिक्षेत्र में 2018 से 2024 तक चलने वाली सिक्योर हिमालय परियोजना के अंतर्गत आजीविका सुरक्षा के उद्देश्य से चिन्हित क्षेत्रों को शामिल किया गया है जहां पर इस कार्य योजना को धरातल पर लोगों की सहभागिता से सुनिश्चित बनाया जा रहा है |जिसका उद्देश्य क्षेत्र के जैविक संसाधनों पर स्थानीय समुदायों की निर्भरता को कम करते हुए हिमालय की जैव विविधता का संरक्षण संवर्धन करना है।
उप अरण्यपाल वन मंडल लाहौल अनिकेत बानवे ने उपायुक्त सुमित खिमटा को बैठक में बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत विशेषकर इस क्षेत्र में बर्फानी तेंदुऐ आइबैक्स, हिमालयन थार गोरल, भूरे व काले भालू, के संरक्षण पर ज्यादा फोकस किया गया है |
उन्होंने बताया कि वन्य प्राणियों की जनसंख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है | विशेषकर बर्फानी तेंदुए की ट्रैक कैमरे में 52 से 73 तक संख्या रिकॉर्ड की गई है |
उप अरण्यपाल वन मंडल लाहौल ने यह भी बताया कि लोगों की जागरूकता और सहभागिता की वजह से ही इस क्षेत्र में आई बैक्स रिहायशी क्षेत्रों में भी सहज विचरते हुए पाए जा रहे हैं | जो कि पर्यटकों का आकर्षण बने हुए हैं |
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में इस क्षेत्र लोगों की आजीविका में विविधता लाना है। वन्य जीव एवं समुदाय के बीच के अंतर्विरोध व संघर्ष को कम करना है | सिक्योर हिमालय परियोजना यूएनडीपी, जेफ तथा भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा हिमालय हिम तेंदुए के प्राकृतिक आवास, हिमालयी वन संपदा के संरक्षण संवर्धन सतत आजीविका में बेहतरी के लिए चलाया गया है।
लाहौल स्पीति में वनस्पति और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के प्रमुख तत्वों पर अमित चावला प्रिंसिपल साइंटिस्ट एंड इंचार्ज सेंटर फॉर हाई एल्टीट्यूड बायोलॉजी ने जानकारी सांझा करते हुए बताया कि इस क्षेत्र की विलुप्त होती प्रजातियों के एक कार्य योजना के तहत डीएनए बारकोड भी बनाए जा रहे हैं | ताकि शोध कार्यों को और बल मिल सके |
नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन से रश्मि ने भी संवेदनशील इलाकों में वन्यजीवों और मानव के बीच संघर्ष विषय को लेकर कहा की लोगों को जागरूक करने व सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित बनाने के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन को लेकर भी कार्य योजना पर बल दिया जा रहा है |
अभिषेक कुमार यूएनडीपी ने सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट लाहौल ने ऑनलाइन प्रेजेंटेशन दी तथा डिप्टी रेंजर शिवकुमार ने जिला लाहौल स्पीति में वन्यजीवों पर आधारित लघु वृत्त चित्र भी प्रस्तुत किया |
इस मौके पर वन विभाग लाहौल स्पीति की उपायुक्त ने ट्रांस हिमालय के 138 पक्षियों के पॉकेट गाइड का भी विमोचन किया ।
बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष अनुराधा राणा विशेष तौर पर मौजूद रही |
इसके अतिरिक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक लाहौल स्पीति मानव वर्मा,परियोजना अधिकारी-आईटीडीपी एवं सहायक आयुक्त डॉ रोहित शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रोशन लाल उप निदेशक कृषि चौधरीराम,उपमंडल अधिकारी नागरिक केलांग रजनीश शर्मा, व गैर-सरकारी सदस्य अध्यक्ष यंगड्रुक्पा एसोसिएशन महिला मंडल प्रधान सहित विशेष आमंत्रित सदस्य भी मौजूद रहे |