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पंचायत विकास कार्यों की आरटीआई मांगने वाले युवक के खिलाफ प्रधान मुख्य वन संरक्षक शिमला कार्यालय में शिकायत दर्ज

रोजाना24,चम्बा मार्च : मामला भरमौर विस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत लेच से जुड़ा हुआ है। पंचायत के रमशेणका गांव के रमन के घर कुछ दिन पूर्व वन विभाग के कर्मचारी घर की तलाशी लेने पहुंचे जिस पर पंचायत के उपप्रधान ने जागरूकता का परिचय देते हुए वन विभाग की टीम को यह कहकर टोका कि बिना किसी लिखित सरकारी आदेशों के वे किसी के घर में तलाशी अभियान नहीं चला सकते। 

विभाग की टीम उस समय तो सरसरी नजर दौड़ाकर लौट गई लेकिन सूत्रों के अनुसार वन परिक्षेत्र अधिकारी ने आठ विभागीय सदस्यों की टीम गठित कर फिर से उक्त व्यक्ति के घर में अवैध लकड़ी की पड़ताल के निर्देश देते हुए सात दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। 

रमशैणका निवासी रमन कुमार का कहना है कि ग्राम पंचायत लेच में विकास कार्यों में धांधली की सम्भावना की पड़ताल करने के उद्देश्य से उसने कुछ विकास कार्यों की जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत ली थी सूचना मिलने से पता चला कि इनमें से कुछ कार्य पंचायत की प्रधान सुनीता व सरकारी ठकेदार ने करवाए थे । रमन ने कहा कि अभी वे पूरी आरटीआई पढ़ भी नहीं पाए थे कि वन विभाग की टीम उनके घर में अवैध लकड़ी होने का आरोप लिए आ पहुंची। रमन ने कहा कि उसका घर तीन-चार वर्ष पूर्व बना था। उन्होंने कहा के वे अभी मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।

 उधर इस मामले में पंचायत उप प्रधान नरेश कुमार ने कहा कि कुछ दिन पूर्व रमन के घर में वन कर्मियों के साथ जांच की थी लेकिन उस वक्त उसके घर में अवैध / गीली लकड़ी नहीं मिली थी लेकिन वन विभाग की टीम बिना किसी सरकारी आदेश के आए थे। 

वहीं मामले में वन परिक्षेत्र अधिकारी जगजीत चावला ने कहा कि उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार हमारी टीम उक्त व्यक्ति के घर में अवैध लकड़ी की जांच पड़ताल का कार्य चल रहा है और उसके बाद आगामी परिस्थिति के अनुसार कार्य होगा। 

बताया जा रहा है कि प्रधान के कार्यों की आरटीआई लेने के बाद रमन कुमार के खिलाफ  शिकायत भी सीधे प्रधान मुख्य वन संरक्षक शिमला कार्यालय में हुई है जिसके बाद से अधीनस्थ अधिकारियों को जांच पूरी करना मजबूरी बना दिख रहा है।

इस संदर्भ में लेच पंचायत की प्रधान सुनीता ने कहा कि रमन के साथ मेरा कोई निजि विवाद नहीं है मुझे उसके  घर में अवैध लकड़ी की सूचना मिली थी इसलिए इस बारे में विभागीय अधिकारियों को बताना आवश्यक था। उन्होंने कहा कि आरटीआई कोई भी ले सकता है । मेरी शिकायत का इससे कोई लेनादेना नहीं है।

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