रोजाना24, चम्बा 13 फरवरी : देश के प्रसिद्ध तीर्थ व पर्यटन स्थलों में शामिल भरमाणी मंदिर को भरमौर मुख्यालय से जोड़ने वाला सड़क मार्ग पिछले डेढ माह से यातायात के लिए बंद है। जिस कारण इस सड़क मार्ग के बीच करीब डेढ हजार की आबादी वाले गांव मलकौता व वन विभाग के विश्रामगृह घराड़ू तक खाद्य सामग्री व अन्य सामान पीठ पर ढोकर ले जाना पड़ रहा है। वहीं गांव में किसी बीमार, घायल अथवा गर्भवती को आपात स्थिति में उसे भी पीठ पर लाद कर या पालकी में डालकर अस्पताल पहुंचाने की नौबत आ जाती है।
ग्रामीणों ने इस संदर्भ में स्थानीय विधायक डॉ जनकराज से मांग की है कि वे पट्टी भरमाणी वाया मलकौता व ददवां भरमाणी सड़क मार्ग को यातायात के लिए जल्द बहाल करने के लिए स्थानीय प्रशासन व लोनिवि को निर्देश दें।
विधायक डॉ जनक राज ने कहा कि भरमाणी माता मंदिर को दोनों ओर से जोड़ने वाले सड़क मार्गों को यातायात हेतु बहाल करना बेहद आवश्यक है। सड़क मार्ग पर वाहन न चलने के कारण लोगों को अपना रोजमर्रा उपयोग का सामान ढोने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं आपात स्थिति में लोगों की जान भी जोखिम में आ सकती है। उन्होंने कहा कि सड़कें लोगों के सुरक्षित त्वरित आवागमन के लिए बनाई जाती हैं। दो दो माह तक इनका बंद रहना नागरिकों के अधिकारों का हनन है। वहीं वन विभाग के विश्रामगृह तक सडक मार्ग बहाल न होने के कारण पर्यटकों व विभागीय अधिकारियों के लिए यह पहुंच से बाहर है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बड़ग्रां, चन्हौता, लामू, उलांसा जैसे क्षेत्र के कई सड़क मार्गों पर वाहनों की आवाजाही न हो पाने की शिकायतें लोगों से मिल रही हैं । इस बारे में वे लोनिवि को निर्देेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे विभाग के इन कार्य की समीक्षा भी करेंगे।
उधर इस बारे में सहायक अभियंता लोनिवि भरमौर विशाल चौधरी ने कहा कि कल 14 फरवरी से इस सड़क मार्ग को बहाल करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि मलकौता गांव के सैकड़ों लोग अब स्कूल खुलने पर शीतकालीन प्रवास के बाद लौट रहे हैं जिन्हें गांव तक सामान पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।