रोजाना24, चम्बा ,16 जनवरी : राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य डॉ. अनिल भंडारी ने कहा है कि महिलाएं और युवा वर्ग समाज का महत्वपूर्ण और प्रभावी अंग है । मानवीय जीवन में स्वतंत्रता, समानता और गरिमा बनाए रखने में इस वर्ग द्वारा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जानी चाहिए ।
डॉ. अनिल भंडारी आज बचत भवन में राज्य मानवाधिकार आयोग के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय जागरूकता शिविर की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे । भारतीय संविधान द्वारा प्रदत मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने नागरिक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों – कर्मचारियों एवं विभिन्न संस्थाओं से विशेष प्राथमिकता रखने को कहा । उन्होंने यह भी कहा कि मानव अधिकारों का उचित संरक्षण और संवर्धन-सभ्य समाज एवं उत्कृष्ट शासन-प्रशासन को आईने के रूप में प्रदर्शित करता है ।
स्कूली विद्यार्थियों में मानव अधिकारों के प्रति जानकारी और जागरूकता के लिए भी उन्होंने आवश्यक कदम उठाने की बात कही । इस दौरान डॉ. अनिल भंडारी ने मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहते हैं तो हमें अपने कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक होना चाहिए। उन्होंने बताया कि सभी को जीवन जीने, शिक्षा , भोजन, स्वास्थ्य आदि का समानता के साथ अधिकार होता है, विधि के समक्ष सभी बराबर होते है । हमें लिंग , जाति, नस्ल भेद न करते हुए समानता पर बल देना चाहिए।
मानवाधिकार आयोग राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर और मानव अधिकार न्यायालय ज़िला स्तर पर होता है। किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों के हनन होने पर वो मानवाधिकार आयोग या न्यायालय की शरण ले सकता है। मानवाधिकार आयोग को एक साधारण प्रार्थना पत्र के माध्यम से शिकायत की जा सकती है । उन्होंने कहा कि लोगों को अपने मूलभूत अधिकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिये इसके साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को नैतिक जिम्मेदारी एवं समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहना चाहिये।
इस अवसर पर एसडीएम चंबा अरुण शर्मा, ज़िला कल्याण अधिकारी अनिल पुरी, अध्यक्ष नगर परिषद नीलम नैय्यर, उप निदेशक उच्च शिक्षा प्यार सिंह, स्वैच्छिक संस्था से दीपक भाटिया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे ।