रोजाना24, चम्बा 12 सितम्बर : सरकारी तंत्र की सुस्त कार्यप्रणाली को पछाड़ कर विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए ठेकेदारी व्यवस्था शुरू की गई थी और इस व्यवस्था ने ने वाकई विकास कार्यों की गति को तेज रफ्तार से बढ़ाया लेकिन अब यह सरकार व आम जनता पर इस प्रकार भारी पड़ने लगी है कि न तो पब्लिक इसके आगे मुंह खोल पा रही व न ही सरकार ।
भरमौर विस क्षेत्र में इस व्यवस्था से करीब-करीब हर वर्ग परेशान है ।ताजा मामला ग्राम पंचायत बड़ग्रां में बिजली सेवा को लेकर बना हुआ है। पिछले कई माह से इस पंचायत की बिजली सेवा कई दिनों तक बंद रह रही है। लोग विभागीय अधिकारियों से शिकायत करते हैं तो अधिकारी कर्मचारियों को आदेश देकर बिजली ठीक करने के आदेश जारी करते हैं। लेकिन समस्या का स्थाई समाधान होता नहीं दिख रहा।
पंचायत के लोगों ने कहा कि पिचले तीन दिन से बड़ग्रां पंचायत के तमा में गांवों में बिजली सेवा ठप्प पड़ी है । विभागीय अधिकारी भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
इस बारे में सहायक अभियंता राविपलि भरमौर तेज ठाकुर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि पूलन पंचायत में एक सड़क निर्माण कार्य के दौरान एक ठेकेदार विभाग को बिना पूर्व सूचित किए बार-बार ब्लास्टिंग कर बड़ग्रां फीडर के खम्भों को तोड़ देता है। विभाग दर्जनों बार इसे मुरम्मत कर चुका है लेकिन अगले दिन फिर से वही समस्या खड़ी हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस बारे में पुलिस में शिकायत भी की गई है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। ठेकेदार की मनमानी के कारण जहां आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर विद्युत विभाग के राजस्व को भी मोटी चपत लग रही है।
सहायक अभियंता ने कहा कहा कि वे इस बारे में स्थानीय विधायक से ठेकेदार को नियंत्रित करने की अपील करेंगे । अगर इस प्रकार भी बात न बनी तो वे विभाग के नियमों अनुसार कार्यवाही करने के लिए बाध्य हैं।
उधर इस बारे में विभागीय कनिष्ठ अभियंता व कर्मचारियों की माने तो अब उनका धैर्य जबाव दे गया है क्योंकि विभाग के पास कर्मचारियों की कमी के बावजूद वे किसी तरह इस लाईन को जोड़कर आते हैं तो दूसरे-तीसरे दिन लाईन फिर तोड़ दी जाती है ऐसे में वे अब स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं।
क्षेत्र में पेयजल की घटिया योजनाएं निर्मित करने से लेकर पुलों,सड़कों के कार्यों के लम्बित रहने व उनका मानकों के अनुरूप न बनने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शिकायत करने पर सरकार भी कोई कार्रवाई नहीं करती तो आम लोग भी लाचार होकर चुनावों का इंतजार करने लगते हैं। आखिर यही एक तो ताकत उनके हाथ में होती है जिससे वे अपने खिलाफ हो रहे अन्याय का बदला ले सकते हैं।