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कड़वे-मीठे अनुभवों के साथ मणिमहेश यात्रा के समापन की आधिकारिक घोषणा

रोजाना24, चम्बा ,4 सितम्बर : उत्तर भारत की प्रसिद्ध श्री मणिमहेश यात्रा आधिकारिक रूप से संपन्न हो गई है । उपायुक्त चम्बा ने इसकी अधिकारिक घोषणा कर दी है।

इस वर्ष मणिमहेश यात्रा के कड़वे-मीठे अनुभव यात्रियों व स्थानीय लोगों ने महसूस किए ।प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा का आयोजन 19 अगस्त से 2 सितम्बर तक के बीच होने की घोषणा की जबकि पहला जन्माष्टमी स्नान ही 19 अगस्त को था ऐसे में स्वभाविक है कि यात्रा तो स्नान वाले दिन से पूर्व ही शुरू की जाएगी तभी श्रद्धालु निर्धारित समय पर मणिमहेश पहुंच सकेंगे।वहीं यात्रा समापन की घोषणा 2 सितम्बर होने के कारण श्रद्धालु राधाष्टमी स्नान के समय को लेकर असमंजस में रहे। पंडित,ज्योतिषियों के अनुसार राधाष्टमी स्नान का समय 3 व 4 सितम्बर के बीच था।

मणिमहेश यात्रा के प्रबंधों को लेकर शासन व प्रशासन के बीच तालमेल होता नहीं दिखा । इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भरमौर-हड़सर के बीच प्रंघाला नाला में लम्बे समय तक सड़क का अवरुद्ध रहना व तीन वर्षों से निर्माणाधीन पुल का यात्रा से पूर्व तैयार न होना है। प्रंघाला नाला इस वर्ष मणिमहेश यात्रा में कुख्यात नाम रहा। जहां लोगों को परेशानी तो झेलनी ही पड़ी, तीन लोग पत्थर गिरने के कारण घायल भी हुए। जबकि यात्रा के दौरान 9 लोगों की मृत्यु हुई।

यात्रा के अंतिम चरण में जल्दबाजी में अधूरे पुल के उद्घाटन ने सरकार की और किरकिरी करवा दी। सरकारी तंत्र की एक लापरवाही तो एक कन्या की जान ही ले गयी जब चौरासी मंदिर परिसर में भरी भीड़ के दौरान सुरक्षा मानकों को नजरंदाज कर एक हाईमास्ट स्थापित किया जा रहा था जोकि भीड़ पर गिर गया जिससे वहां मौजूद एक लड़की की मृत्यु हो गई जबकि तीन अन्य घायल हो गए। इस दुर्घटना के बाद मणिमहेश यात्रियों ने जबरन भरमौर के बाजार को बंद करवा दिया व चक्का जाम कर दिया । अगर यात्रा शुरू होने से पूर्व यह पोल स्थापित कर दिया गया होता तो शायद यह दुर्घटना न होती।

इस मणिमहेश यात्रियों भरमौर मुख्यालय में शौचालयों के अभाव,स्वच्छ पेयजल व विद्युत सेवा,अस्थाई शिविरों के अभाव जैसी कई कमियों की शिकायतें की।

गौरतलब है कि इस वर्ष मणिमहेश यात्रा की व्यवस्था देख रहे भरमौर उपमंडल में सभी अधिकारियों की तैनाती कुछ माह पूर्व ही हुई है। जिन्हें इस यात्रा के संचालन का पूर्व अनुभव नहीं था। कई बार तो अधिकारी प्रशासन के आदेशों की अनदेखी करते भी दिखे।

इस दौरान मणिमहेश यात्री पुलिस व सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग,स्वास्थ्य विभाग के कार्यों से खुश दिखे। एकाध विशेष परिस्थिति को छोड़ कर यात्रा के दौरान ट्रैफिक जाम की स्थिति नहीं बनी। चौरासी मंदिर परिसर में पोल गिरने की घटना के समय जब कोई अधिकारी सामने नहीं आ रहा था उस समय पुलिस थाना भरमौर प्रभारी बीआर शर्मा स्वयं उग्र भीड़ के समक्ष पहुंच कर मामले पर बात करते दिखे। वहीं यात्रियों के लिए भरमौर में अनुपलब्ध खाद्य सामग्री भी पुलिस ने चम्बा से मंगवा कर सहायता की।

हजारों लोगों की भीड़ में जब रास्ते में खड़े होने तक के लिए स्थान नहीं दिख रहा था उस समय सूचना एवं जन संपर्क विभाग की सीमित सदस्यों की टीम ने यात्रियों का मार्ग दर्शन किया। परिवार व साथियों से बिछुड़ रहे सदस्यों को पुनः मिलवाने में इस विभाग की टीम ने भी लोगों की सराहना बटोरी।

यात्रा के दौरान बीमार व घायलों को तुरंत उपचार देने के लिए एम्बूलेंस वाहन चालकों उनके इएमटी व अस्पताल के स्टाफ चौबीसों घंटे सतर्क रहे। एक भी अवसर ऐसा नहीं आया जब किसी मरीज अथवा घायल को लगा हो कि उनके उपचार में अनावश्यक देरी हो रही हो। एम्बूलेंस की टीमें खराब सड़क मार्गों के बावजूद जोखिम लेकर मरीजों को समय रहते अस्पताल पहुंचाते रहे।

यात्रियों की सहायता में बड़ा योगदान हमेशा की तरह लंगर समितियों का रहा जिन्होंने लाखों लोगों के लिए मुफ्त भोजन,चायपान,दवाइयों की व्यवस्था की । यही नहीं इन लंगर सेवा समितियों ने मणिमहेश यात्रियों को रात्री आश्रय के लिए भी शरण दी। मौजूदा हालात के अनुसार मणिमहेश यात्रा में लंगर समितियों की सेवाओं के बिना लाखों लोगों के लिए एक साथ भोजन की व्यवस्था करना बेहद मुश्किल कार्य है।

इस वर्ष मणिमहेश यात्रा के संदर्भ में उपायुक्त चम्बा डीसी  राणा ने बताया कि यात्रा का अधिकारिक तौर पर आयोजन 3 सितंबर तक निर्धारित था । 4 सितंबर सांय से श्री मणिमहेश यात्रा के विभिन्न स्थानों पर प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली सुविधाओं को बंद  कर दिया जाएगा । उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे अब  यात्रा ना करें । 

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