अंडर-14 टूर्नामेंट : कबड्डी के पंद्रह, वॉलीबाल,बैडमिंटन,व खो-खो के चार-चार मुकाबले हुए

रोजाना24,चम्बा 19 जुलाई : भरमौर में खेले जा रहे अंडर 14 आयु वर्ग छात्र खिलाड़ियों की खेलकूद प्रतियोगिता के दूसरे दिन कबड्डी के मुकाबलों के परिणाम बहुत करीबी रहे। कबड्डी के आज पंद्रह मुकाबले खेले गए जिसमें अंतिम चार में जगह बनाने की दावेदार रावमापा भरमौर व शिवालिक पब्लिक हाई स्कूल की टीमों को मात्र एक-एक अंक से हार का मुंह देखना पड़ा। होली स्कूल की टीम ने तीन मुकाबले जीत कर प्रतियोगिता के चौथे चरण में जगह बना ली है। गुआं ने भरमौर को हराया, उलांसा ने सियूंर को हराया, चन्हौता ने तेजी से आगे बढ़ रही गरोला की विजयी रथ रोक कर अगले चरण में प्रवेश किया। भरमौर से जीत कर आगे बढ़ रही गुआं को कुठेड़ की टीम ने हराया तो कुठेड़ ने सांह ने हरा कर बाहर का रास्ता दिखा दिया।   

कबड्डी के आज के मुकाबलों में चन्हौता,सांह, होली व उल्लांसा प्रतियोगिता के चौथे चरण में प्रवेश कर लिया है। 

खो-खो के मुकाबलों में लामू ने कुठेड़ को हराया, होली ने ब्रेही को हराया, चूड़ी ने कुनेड को हराया तो चोबिया ने शिवालिक पब्लिक हाई स्कूल को हरा कर प्रतियोगिता के अगले चरण में प्रवेश किया।

वॉलीबाल प्रतियोगिता में होली ने डीएवी स्कूल को हराया, खणी ने शिवालिक पब्लिक हाई स्कूल को हराया, चोबिया ने कूंर को हराया तो कुगती ने लामू स्कूल को हराकर प्रतियोगिता के अगले दौर में प्रवेश किया।

बैडमिंटन प्रतियोगिता में छतराड़ी ने लाहल को हराया, घरेड़ ने औरा को हराया, डीएवी भरमौर ने रावमापा भरमौर को हराया, दियोल ने उलांसा को हरा कर प्रतियोगिता के अगले दौर में प्रवेश किया ।

एथलैटिक्स मुकाबले में आज 600 मी फाईनल दौड़ सांह स्कूल के अंकित ने जीती, औरा के कार्तिक दूसरे स्थान पर रहे जबकि चूड़ी स्कूल के नवीन ने तीसरा स्थान हासिल किया।

प्रतियोगिता में रैफरी के तटस्थ निर्णयों की भी खूब सराहना हो रही है। वहीं मेजबान रावमापा भरमौर ने साढ़े चार सौ से अधिक संख्या में पहुंचे खिलाड़्यों व उनके साथ आए प्रशिक्षकों के लिए बेहतर व्यवस्था की है।

लोगों का कहना है कि टेलीविजन के भरमौर पहुंचने से पूर्व यहां के लोगों में कबड्डी का जनून सिर चढ़ कर बोलता था। स्थानीय मेलों में हर गांव से कबड्डी की टीमें प्रतियोगिता में भाग लेती थीं। लेकिन घटते खेल मैदानों व पहले टीवी फिर मोबाईल ने शारीरिक दमखम प्रदर्शित करने वाली खेलों को स्कूलों तक ही सीमित कर दिया है। स्थानीय लोग इन स्कूली बच्चों को कबड्डी खेलते देख इनमेंअपने यौवनकाल को महसूस कर रहे हैं।