मानसून के दौरान आवश्यक प्रबंधों के तहत जल विद्युत परियोजनाएं पूर्व चेतावनी के लिए विकसित करें प्रभावी तंत्र – उपायुक्त डीसी राणा

रोजाना24, चम्बा , 4 जून : मानसून के मौसम में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सभी अधिकारी आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करें। उपायुक्त चंबा डीसी राणा ने बचत भवन में आज मानसून के दौरान किए जाने वाले आवश्यक प्रबंधों की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सभी विभाग नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे तथा संबंधित नोडल अधिकारियों की सूची उनके मोबाइल नंबर व पूर्ण पते सहित उपलब्ध करवाएंगे ।

बैठक में उपायुक्त ने यह भी कहा कि जल शक्ति विभाग सभी जल भंडारण केंद्रों,पारंपरिक पेयजल स्रोतों में ब्लीचिंग पाउडर की आपूर्ति भी सुनिश्चित बनाएं ।स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई तैयारियों का जायजा लेते हुए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को बरसात के मौसम में जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाइयों का भी स्वास्थ्य संस्थानों में वितरण सुनिश्चित बनाने के निर्देश भी दिए । उन्होंने बरसात के मौसम में 0 से 5 साल तक के बच्चों को डायरिया की बीमारी से बचाने के लिए 2-2 ओआरएस के  पैकेट  और 14 जिंक की गोलियां वितरित करने के निर्देश भी दिए।उन्होंने यह भी कहा कि मॉनसून के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति पर टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की आपदा का संदेश और वीडियो संदेश व्हाट्सएप नंबर 98166-98166 पर भेज सकते हैं ।

उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सड़कों के किनारे नालियों में जहां वर्षा का पानी एकत्रित होता है वहां पर पानी की  निकासी का उचित प्रबंध सुनिश्चित बनाने तथा इस कार्य को प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित बनाने के लिए स्थानीय नगर परिषद, नगर पंचायत भी  अपना पूर्ण सहयोग देंगे । उन्होंने कहा कि इन प्रबंधों की निरंतर निगरानी भी की जाएगी

इसके अतिरिक्त उन्होंने मिंजर मेला और श्री मणिमहेश यात्रा के दौरान सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी उपमंडलों के एसडीएम को निर्देश देते हुए कहा कि बरसात के मौसम में संभावित भूस्खलन क्षेत्रों, असुरक्षित सड़कों की सूची उपमंडल स्तर पर समय रहते तैयार करें व जरूरी मशीनरी का भी उचित प्रबंध भी सुनिश्चित बनाएं ।

इसके अतिरिक्त उपमंडल स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए टीम भी गठित की जाएगी और 1 जुलाई से सभी एसडीएम कार्यालयों में आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे।उन्होंने वन विभाग को बरसात से पूर्व ही सूखे पेड़ों को चिन्हित कर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए तथा बिजली विभाग को भी बरसात से पूर्व ही सूखे पेड़ों को चिन्हित कर आवश्यक कार्रवाई व बरसात से पूर्व टहनियों को काटने तथा सूखे पेड़ों को गिराने के लिए वन विभाग से शीघ्र अनुमति प्राप्त करें ।

इसके अतिरिक्त विभिन्न विद्युत परियोजनाओं के प्रबंधन को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल आयोग की गाइडलाइन के अनुसार मॉनसून के दौरान पूर्व चेतावनी के प्रसार के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करें और बांध स्थलों से छोड़े जाने वाले पानी के नुकसान से बचने के लिए निचले क्षेत्रों में लोगों को सचेत करने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली के साथ-साथ वॉइस मैसेज सिस्टम भी स्थापित किया जाए।

बैठक में खाद्य आपूर्ति की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने जनजातीय क्षेत्र भरमौर और पांगी में भी पर्याप्त मात्रा में आवश्यक खाद्य सामग्री की उपलब्धता को सुनिश्चित बनाने को  कहा ।बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मेहरा , पुलिस उप अधीक्षक   अभिमन्यु वर्मा, उपनिदेशक कृषि डॉ कुलदीप धीमान,उप निदेशक उद्यान राजीव चंद्रा, जिला राजस्व अधिकारी सुनील कैंथ ,एसडीएम डलहौजी जगन ठाकुर, सलूणी डॉ स्वाति गुप्ता, भरमौर आसीन सूद , अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग जीत सिंह ठाकुर, अधिशासी अभियंता एनएच संजीव महाजन सहित जल विद्युुत परियोजनाओं के अधिकारी मौजूद रहे।