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निपुण भारत के तहत जिला की 499 प्राथमिक पाठशालाओं को 65 लाख रुपये जारी – राघव शर्मा

रोजाना24, ऊना, 4 जून :  आरंभिक आयु से ही बच्चों में मौखिक भाषा, पढ़ना, लिखना तथा संख्यात्मक ज्ञान का बोध होना अत्यंत आवश्यक है ताकि कक्षा 3 के बाद की शैक्षणिक जटिलताओं से उसे जूझना न पड़े। इसी उद्देश्य से भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय साक्षरता एवं संख्या ज्ञान दक्षता पहल (निपुण भारत) की शुरुआत की गई है। यह जानकारी उपायुक्त, ऊना राघव शर्मा ने इस विषय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

 उन्होंने बताया कि प्रारंभिक शिक्षण के महत्व को देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में वर्ष 2025 तक प्राथमिक और उससे आगे सार्वभौमिक मूलभूत साक्षरता तथा उसका ज्ञान प्राप्त करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि मूलभूत शिक्षण के लक्ष्य को प्राप्त किए बिना शिक्षा नीति हमारे छात्रों की एक बड़ी संख्या के लिए प्रसांगिक नहीं होगी।उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार शिक्षा मंत्रालय द्वारा निपुण भारत मिशन को 5 जुलाई 2021 को आरंभ किया गया। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा इसे 22 फरवरी, 2022 को लागू किया गया जिसके अंतर्गत ऊना जिला की 499 प्राथमिक पाठशालाओं के 90 प्रतिशत अध्यापकों को इस संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सभी प्राथमिक पाठशाला में पहली से पांचवी तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रति विद्यार्थी 3 सौ रुपए की दर से 65 लाख रुपए वितरित किए जा चुके हैं।

 इस राशि से प्राथमिक पाठशाला में अध्यापन के पारंपरिक तौर तरीकों के अलावा खेलकूद तथा मनोरंजन के माध्यमों सहित सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी।डीसी राघव शर्मा ने बताया कि निपुण भारत के संबंध में कार्य प्रगति की जांच के लिए खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी की देखरेख में विद्यालयों की जांच की जाएगी तथा निपुण भारत के संबंध में कार्य प्रगति की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा ऊना जिला की सभी प्राथमिक पाठशालाओं में निपुण भारत के मानकों पर आधारित एक लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी ताकि बच्चों में मौखिक भाषा, पढ़ना, लिखना तथा संख्यात्मक ज्ञान के बोध को परखा जा सके।

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त ऊना डॉ अमित शर्मा, जिला परिषद ऊना के उपाध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा, डाइट ऊना के प्रधानाचार्य देवेंद्र चौहान सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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