गद्दी समुदाय के स्वर्गवासी स्वजनों के गंगाजल को मणिमहेश झील में प्रवाहित करने के लिए प्रशासन ने लिया निर्णय

रोजाना24,चम्बा 29 अगस्त : मणिमहेश यात्रा पर लगी रोक से सामान्य मणिमहेश यात्रियों के साथ साथ स्थानीय लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए कई नाकों के बावजूद सैकड़ों श्रद्धालु भरमौर मुख्यालय पहुंच चुके हैं व सैकड़ों मणिमहेश झील में स्नान करके लौट चुके हैं।

जबकि बहुत से श्रद्धालुओं को भरमौर के प्रंघाला नामक स्थान पर बने बैरियर से पुलिस द्वारा लौटाया भी जा रहा है। मणिमहेस यात्रियों को लौटाने की बाद तो समझ आती है लेकिन चम्बा जिला का गद्दी समुदाय जिनका जन्म से लेकर मृत्यु तक का हर कार्य भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। जोकि जीवन मृत्यु से जुड़े कर्मकांड मणिमहेश व शिव मंदिर 84 में करते हैं,प्रशासन के नियम उनके कर्मकांडों में विघ्न डाल रहे हैं।

गत दिवस भरमौर विस के कुंडी गांव के कुछ युवक अपने पिता की मृत्यु पश्चात गंगाजल को मणिमहेश झील में प्रवाहित करने के लिए जा रहे थे तो उन्हें प्रंघाला के पास बनी पुलिस चौकी से लौटा दिया गया । इन युवकों में शामिल पवन कुमार ने कहा कि पुलिस ने उन्हें भरमौर प्रशासन से अनुमति लेने के लिए कहा है। चुंकि उस वक्त उपमंडलाधिकारी भरमौर भी जगत पंचायत में आवश्यक कार्य के लिए गए हुए थे तो ऐसे में युवकों को प्रशासन की अनुमति मिल नहीं पाई।

रोजाना24 ने इस संदर्भ में उपमंडलाधिकारी भरमौर मुनीष सोनी के समक्ष गद्दी रिति रिवाजों का संदर्भ रखा तो उन्होंने कहा कि इस मामले में केवल स्थानीय लोगों गद्दी समुदाय को ही विशेष साक्ष्य प्रस्तुत करने पर मणिमहेश जाने की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि भरमौर क्षेत्र के लोग जो गंगाजल चढ़ाने की रस्म करने मणिमहेश जाना चाहते हैं,प्रशासन के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत कर अनुमति ले सकता है।

गौरतलब है कि गद्दी समुदाय में रिति है कि मृत्तक के हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के बाद वहां से लाए गंगाजल को मणिमहेश झील में समाहित किया जाता है। ऐसा करने के लिए जन्माष्टमी से राधाष्टमी पर्व तक का समय उचित माना जाता है। इसलिए क्षेत्र के लोग इस दौरान गंगाजल चढाने मणिमहेश जाते हैं। लेकिन प्रशासन की बंदिशों से अब तक कई लोग अपने स्वर्गवासी स्वजनों के नाम पर लाए गंगाजल को मणिमहेस में प्रवाहित नहीं कर पाए हैं। बहरहाल उपमंडलाधिकारी भरमौर द्रवारा इस मुद्दे पर छूट देने के बाद लोग इस किर्याकर्म को निपटा सकेंगे।