रोजाना24,चम्बा,11 जून : सुबह तक भरमौर मुख्यालय में सब सामान्य था,कोरोना कर्फ्यू के कारण दोपहर बाद 2 बजे बाजार बंद होने का समय आया तो बाजार मे पुलिस कर्मियों की बढ़ती गतिविधियों से कुछ घटित होने का एहसास होने लगा। लोगों को लगा कि शायद कोरोना कर्फ्यू की अनुपालना जांचने के लिए कोई बड़ा अधिकारी आ रहा है । सामान्यतः पुलिस ने अबतक बाजार बंद करवाने के लिए दुकानदारों पर दबाव नहीं बनाया ।
बाजार बंद होने के तुरंत बाद चौरासी मंदिर पुजारियों के लिए प्रशासन के आदेश आ गए कि मंदिर की चाबियां नायब तहसीलदार को सौंपी जाएं ताकि वे मंदिर में दानपात्र स्थापित किये जा सकें । आदेश की कुछ प्रतियां मंदिर की दीवारों पर भी चस्पा की गई। प्रशासन के आदेश मिलते ही चौरासी के तमाम मदिर पुजारी खेमे में हलचल शुरू हो गई। मंदिर परिसर के आसपास बसने वाले हर घर से लोग चौरासी परिसर में पहुंचने लगे। यह लोग परिसर में दान पात्र स्थापित करने के विरोध में एकत्रित हो गए ।
उपमंडलाधिकारी मनीष सोनी,नायब तहसीलदार रजत सेठी ने दानपात्र स्थापित करने के विरोध में आए लोगों के साथ कुछ देर बातचीत कर न्यास के पक्ष को उनके सामने रखा । उपमंडलाधिकारी भरमौर मनीष सोनी ने कहा कि मंदिरों के गर्भगृह में दानपात्र स्थापित करने का निर्णय न्यास की बैठक में 27 मार्च 2021 को लिया गया था । उस बैठक में चौरासी मंदिर से पुजारी व न्यास के गैरसरकारी सदस्य भी शामिल थे । इसका उद्देश्य मणिमहेश न्यास की आय बढ़ाना है । ताकि धार्मिक महत्व के स्थलों का विकास किया जा सके व यात्रियों को अधिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि तीन मंदिरों में दानपात्र स्थापित किये जा चुके हैं जबकि दो मंदिरों के लिए नये दान पात्र बनवाकर रखे जाएंगे । उन्होंने कहा कि दानपात्रों से मिले चढ़ावे का पचास प्रतिशत हिस्सा पुजारियों को मिलेगा । उन्होंने कहा कि न्यास द्वारा बेहतर व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जाएगा ।
जिसके बाद पुलिस ने वहां एकत्रित हुए लोगों को वहां से हटा दिया । जिसके बाद मणिमहेश न्यास द्वारा बनवाए गए पांच दानपात्रों को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई । न्यास द्वारा तैयार तीन दान पात्र तो मंदिर के गर्भगृह में रख दिए गए लेकिन दो पात्रों का आकार बड़ा होने के कारण उन्हें मंदिर में स्थापित नहीं किया जा सका ।
मंदिर में दानपात्र स्थापित करने योजना काफी समय से अंदर खाते से तैयार हो रही थी। जिसके बारे में गिने चुने लोगों को ही भनक थी।प्रशासन ने भी कोरोना कर्फ्यू के कारण अधिक लोगों दखलंदाजी न होने का लाभ उठाते हुए दोपहर बाद अपने मंतव्य को पूरा किया।प्रशासन ने इसके लिए पूरी तैयारी के साथ अतिरिक्त पुलिस भी मौके पर बुलवा रखी थी।
पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार ने कहा कि मामले को जिस प्रकार संवेदनशील माना जा रहा था,वैसा था नहीं । लोगों ने कोरोना कर्फ्यू के नियमों की पालना करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से अपना पक्ष रखा व प्रशासन के क्रियाकलाप को होने दिया।
हालांकि इस दौरान न्यास सदस्य पुरषोतम शर्मा,लक्षमण दत्त शर्मा ने कहा कि न्यास की बैठक में दानपात्रों को गर्भ गृह में स्थापित करने का निर्णय नहीं लिया गया था बैठक में न्यास के आयुक्त डीसी राणा ने इस मामले में बाद में बैठक कर निर्णय लेने की बात कही थी। यह एकतरफा निर्णय अधिकारियों द्वारा जबरन थोपा जा रहा है।
स्थानीय पुजारी व लॉयर अभिषेक शर्मा व अधिवक्ता करण शर्मा ने कहा कि न्यास की कार्यकारिणी का गठन लोकतांतरित तरीके से नहीं किया गया है ।न्यास में कुल 22 सदस्यों में से 16 सदस्य सरकारी जबकि छ: गैरसरकारी हैं ऐसे में गैरसरकारी सदस्यों की किसी मुद्दे पर होने वाली आपत्ति को नजरंदाज किया जाता है । उन्होंने कहा कि न्यास का उद्देश्य भले ही नेक हो लेकिन इसका गठन गलत तरीके से हुआ है जिसकी कार्यकारिणी का गठन नये सिरे से पुजारियों व आम जनता के सुझाव से किया जाना चाहिए ।