हाइड्रोपोनिक्स तकनीक कृषि के लिए बेहतर विकल्प – डीसी  

रोजाना24,ऊना 10 फरवरी : उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने नंगल सलांगड़ी में एक प्रगतिशील किसान युसुफ द्वारा हाइड्रोपोनिक्स विधि से पानी में आलू की पैदावार करने के सफल परीक्षण का निरीक्षण किया। कृषि विशेषज्ञ एवं प्रगतिशील किसान युसुफ द्वारा पहले भी इस तकनीक से कई सब्जियों फूल गोभी, ब्रॉक्ली, खीरा, टमाटर, लैट्यूस और स्ट्रॉबेरी की खेती भी कर चुके है।
  डीसी ने युसुफ के कृषि क्षेत्र में किये गये इस अनुसंधान की सराहना करते हुए कहा कि कृषि के लिए यह तकनीक भी एक बेहतर विकल्प है और इसे जिला के अन्य किसानों तक पहुंचाना सुनिश्चित बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास खेतीबाड़ी करने के लिए भूमि नहीं है या कमी है, उनके लिए हाइड्रोपोनिक तकनीक ताजी सब्जियां उगाने की एक बहुत ही सफल तकनीक है। इस तकनीक के जरिये घर के अंदर, छत पर या घर की दीवारों पर भी हरी सब्जियों का उत्पादन किया जा सकता है।
उपायुक्त ने कहा कि हाइड्रोपोनिक तकनीक को देखने के बाद वह चकित हैं कि जिला ऊना में इस तकनीक का बेहतरीन प्रयोग किया जा रहा है। डीसी ऊना ने कहा कि उनके लिए यह दौरा अपने आप में बहुत ही दिलचस्प है। उन्होंने कहा कि कृषि के लिए यह एक बेहतर पद्धति है और उनका प्रयास रहेगा कि इस पद्धति को और अधिक बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों की आय को दुगुना करने का जो प्रयास किया जा रहा है उस दिशा में यह तकनीक एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
इसके उपरांत डीसी राघव शर्मा ने युसूस खान द्वारा संचालित खान मशरूम फार्म का भी निरीक्षण किया। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में उनके द्वारा प्रयोगात्मक तकनीकों बारे भी फीडबैक हासिल की।
क्या कहते हैं युसुफ खान
  युसुफ के अनुसार हाइड्रोपोनिक तकनीक में आलू के उत्पादन को लेकर वह खुद भी उत्सुक थे लेकिन अब आलू के पौधे में आलू लगना शुरू हुआ है तो इस परीक्षण के सफल होने की उम्मीद बंधी है। युसूफ की माने तो अगर हाइड्रोपोनिक विधि से आलू का परीक्षण सफल रहा तो इससे किसानों को खासा लाभ मिलेगा।
ऊना जिला के गांव नंगल सलांगडी के कृषि विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान युसूफ खान पिछले लंबे समय से पानी में खेती करने की तकनीक पर कार्य कर रहे हैं। लॉक डाउन के बीच युसूफ ने नया प्रयोग करते हुए जहाँ हाइड्रोपोनिक तकनीक के जरिये ही फूल गोभी और ब्रॉकली की सफल पैदावार की थी वहीं अब युसूफ खान ने इस विधि से आलू के उत्पादन का भी परीक्षण किया है। युसूफ खान का यह प्रयोग काफी हद तक सफल रहा है और हाइड्रोपोनिक तकनीक से बोया गया आलू का बीज पौधे का रूप लेने के साथ साथ उसमें आलू भी लगना शुरू हो गया है। इससे पहले युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से खीरा, लैट्यूस, टमाटर, पुदीना और स्ट्रॉबेरी की खेती भी की थी, जोकि कामयाब रही थी। फिलहाल युसूफ खान हाइड्रोपोनिक तकनीक से लैट्यूस का बड़े स्तर पर उत्पादन कर रहे है और उनके द्वारा तैयार लैट्यूस देश के कई बड़े होटल्स में सप्लाई हो रहा है।