रोजाना24, चम्बा : चम्बा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत पूलन में 26 जून शाम को एक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी. जिसके बाद उक्त संक्रमित व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल जिला कोविड केयर केंद्र चम्बा शिफ्ट कर दिया. दूसरे दिन सुबह स्वास्थ्य विभाग भरमौर की टीम ने संक्रमित व्यक्ति के प्राईमरी कांटैक्ट वाले लोगों के सैम्पल लेकर जांच हेतु भेज दिए.
इस प्रकार स्वास्थ्य विभाग ने तो अपनी ओर से कार्य पूरा कर लिया लेकिन कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए बनाए गए नियम के तहत प्रशासन ने संक्रमित व्यक्ति से सम्बंधित गांव या पंचायत को दो दिन बाद भी कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया है. जिस कारण इस गांव व पंचायत के लोग अन्य स्थानों पर घूम रहे हैं तो अन्य लोग इस पंचायत में पहुंच रहे हैं.ऐसे में वायरस के फैलने का खतरा बना हुआ है.
स्थानीय लोग प्रशासन की इस ढील को दूसरी बड़ी लापरवाही मान रहे हैं. लोगों के अनुसार पहले तो उक्त व्यक्ति को संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र में रखा जाना चाहिए था क्योंकि हरियाणा के जिस रेवाड़ी जिला से वह लौटा था वहां कोरोना संक्रमण के 221 से अधिक मामले हो चुके हैं व 4 मरीजों की मृत्यु भी हो चुकी है. लेकिन प्रशासन ने इस मामले नें ढील बरतते हुए उक्त व्यक्ति को उसके ससुराल में क्वारंटाइन होने की अनुमति दे दी. अब जबकि कोरोना पॉजिटिव का मामला प्रकाश में आ चुका है तो पंचायत या वार्ड को कंटेनमेंट जोन बना दिया जाना चाहिए था जिसके बाद प्राइमरी कॉंटेक्टवाले लोगों के सैम्पल लिए जाने चाहिए थे. लेकिन घटना के दो दिनों बाद भी उक्त पंचायत में कंटेनमेंट जोन न बनाया जाना कोविड19 के खतरे के मद्देनजर बड़ी लापरवाही है.
उपमंडलाधिकारी भरमौर मनीष सोनी ने इस बारे में कहा कि उन्होंने पूलन पालन व सुप्पा मुहाल को कंटेनमेंट बनाए जाने व घरेड़ व सिरड़ मुहाल को बफर जोन में शामिल करने की सिफारिश उपायुक्त चम्बा को भेज दी है.
गौरतलब है कि इससे पूर्व उपमंडल चम्बा के अंतर्गत आने वाली कूंर व पियूरा पंचायत में कोविड19 संक्रमित मामले सामने आते ही उन पंचायतों को तुरंत कंटेनमेंट जोन में बदल कर पुलिस निगरानी में रखा दिया गया था. लेकिन भरमौर में अब तक ऐसा नहीं हुआ है.