रोजाना24,ऊना : राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने घरेलू उड़ानों और रेलवे के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में आने वाली यात्रियों के लिए कुछ हिदायतें जारी की हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने बताया कि हिमाचल में प्रवेश करने के लिए उड़ान या रेलगाड़ी लेने से पूर्व सभी को अपने स्मार्ट फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य है।डीसी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के लिए सफर करने से पूर्व एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। सभी सीमा चैक पोस्ट पर फ्लू जैसे लक्षणों का पता लगाने के लिए थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। अंतिम गंतव्य तक जाने के लिए यात्री की हवाई टिकट, बोर्डिंग पास तथा रेलवे टिकट को वैध दस्तावेज माना जाएगा और ऐसे में प्रदेश में प्रवेश करने के लिए राज्य अधिकारियों द्वारा जारी पास की आवश्यकता नहीं होगी। प्रवेश द्वार पर अपनी पहचान की पुष्टी के लिए यात्री को अपने साथ पहचान पत्र रखना अनिवार्य है। एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद हिमाचल आने के लिए प्राधिकृत टैक्सी सर्विस की सेवा ली जा सकती है। हिमाचल की सीमा पर सुबह 7 बजे से सायं 7 बजे के दौरान ही आवाजाही की अनुमति होगी।डीसी ने बताया कि रेड जोन से आने वाले यात्रियों को क्वारंटीन केंद्रों में 14 दिनों की अवधि तक रहना होगा, जबकि ऑरेंज तथा ग्रीन जोन से आने वालों को स्क्रीनिंग के बाद होम क्वारंटीन में भेजा जाएगा। अगर कोई व्यक्ति प्रशासनिक क्वारंटीन केंद्र की बजाय कोई अन्य बेहतर क्वारंटीन सुविधा लेना चाहे, तो उसके लिए भुगतान के आधार पर ऐसी व्यवस्था की जा सकती है। संस्थागत क्वारंटीन में रहने वाले सभी लोगों के 6 से 10 दिनों के भीतर कोविड टेस्ट किए जाएंगे और यदि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो उन्हें होम क्वारंटीन के लिए भेज दिया जाएगा। संदीप कुमार ने कहा कि अगर किसी यात्री ने सफर करने से तीन दिन पूर्व प्राधिकृत लैब से अपना कोविड टेस्ट करवाया हो और उसकी रिपोर्ट नेगेटिव हो तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को संस्थागत क्वारंटीन में भेजने के बजाय सीधे होम क्वारंटीन के लिए भेजा जाएगा। ऐसे व्यक्ति को अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह 14 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की निगरानी करेगा। अगर कोई व्यक्ति कोविड पॉजीटिव पाया जाता है तो उसे शीघ्र राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार हेतु भेजा जाएगा। संस्थागत क्वारंटीन केंद्र से अपने गंतव्य के लिए जाने पर सभी व्यक्तियों को संबंधित स्थानीय निकाय प्रतिनिधि अथवा पंचायत प्रतिनिधि को अनिवार्य तौर पर अपने आने की सूचना देनी होगी। स्थानीय निकाय प्रतिनिधि या पंचायत प्रतिनिधि द्वारा आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मदद से 14 दिनों तक ऐसे लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी सुनिश्चित की जाएगी।