रोजाना24,चम्बा : घायल हों या बीमार,सहायता के लिए सबसे पहले 108 नम्बर ही याद आता है.क्योंकि चिकित्सक तो ईलाज तभी करेगा जब मरीज उस तक पहुंचेगा.लेकिन 108 के आपातकालीन स्वास्थ्य तकनीशियन तो मरीज व घायल का उपचार उसी वक्त शुरू कर देते हैं जब उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा होता है.
बीमार व घायलों के ईलाज व उनको अस्पताल पहुंचाने के लिए विकल्प मिल भी जाते हैं लेकिन प्रसव पीड़ा से बेहाल महिलाओं के लिए अस्पताल तक पहुंचना जिन्दगी और मौत का सवाल होता है.गर्भवती महिला को समय पर अस्पताल पहुंचाना ही प्राथमिकता नहीं होती,ऐसी परिस्थिति में उसको सुरक्षित पहुंचाना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है.
आज सांय साढे चार बजे चम्बा जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चूड़ी में तैनात 108 एम्बुलेंस के ईएमटी व चालक को संदेश मिलता है कि मैहला विकास खंड के बंदला गांव में अंजू देवी पत्नी भजन सिंह को प्रसव पीड़ा शुरू हो चुकी है जिसे तुरंत अस्पताल पहुंचाना है.एम्बुलेंस के ईएमटी प्रिंस व चालक अनिल कुमार ने तुरंत गांव बंदला पहुंचकर गर्भवती अंजू देवी को वाहन में डालकर चल पड़े तो रास्ते में महिला की पीड़ा बढ़ गई.जिस पर 108 की टीम ने वाहन रोक कर महिला का सफल प्रसव करवा दिया.
ईएमटी प्रिंस का कहना है कि प्रसव के दौरान बच्चे की कॉर्ड गले में लिपटी थी जिस कारण स्थिति काफी जटिल हो गई थी लेकिन उन्होंने इसे सम्भाल लिया.सांय 06:25 बजे अंजू देवी ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया.दोनों को क्षेत्रीय अस्पताल चम्बा में चिकित्सीय जांच हेतु दाखिल करवाया गया है.
गौरतलब है कि जिला के कई नागरिक,सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात चिकित्सक प्रसव करवाने से कतराते हैं और प्रसव पीड़ा के दौरान जीवन और मौत के बीच झूल रही महिला को क्षेत्रीय अस्पताल के लिए रैफर कर दिया जाता है.ऐसे में यह 108 के यह आपात स्वास्थ्य तकनीशियन ऐसे वक्त में भगवान बनकर रक्षा करते हैं जब भगवान का दर्जा प्राप्त कुछ चिकित्सक भी हाथ खड़े कर जाते हैं.
महिला के पति भजन सिंह व उनके परिवारजनों ने बेहतरीन सेवा के लिए 108 के स्टाफ का धन्यवाद किया है.