रोजाना24,शिमला : गत दिवस सड़क पर बेहोश पड़े व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा कर आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज ने मानव संवेदना की मिसाल पेश की.
घटना कल सुबह उस वक्त की है जब आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज विभागीय कार्य से सचिवालय की ओर जा रहे थे.छोटा शिमला के पास एक व्यक्ति सड़क के किनारे बेसुध होकर पड़ा था.आसपास बहुत से लोग मौजूद थे लेकिन उसकी सहायता के लिए किसी ने हाथ नहीं बढ़ाया.तभी डॉ जनक राज अपनी गाड़ी से उतरे और उस बेहोश हो रहे व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण किया.और साथी के सहयोग से उसे अपनी गाड़ी में ही डाल कर आईजीएमसी के आपात स्वास्थ्य वार्ड में भर्ती करवाया.
रोजाना24 ने जब इस संदर्भ में आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक जे जनक राज से बात की तो उन्होंने कहा कि मुसीबत में फंसे व्यक्ति की सहायता करना उनके स्वभाव में ही है.उन्होंने कहा कि उक्त व्यक्ति को किसी शारीरिक समस्या के कारण दौरा पड़ा था.जिस कारण वह सांस नहीं ले पा रहा था.अगर उसे तत्काल अस्पताल नहीं पहुंचाया जाता तो उसकी मृत्यु हो जाती. उन्होंने कहा कि दोपहर बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
डॉ जनक राज ने कहा कि घटना के दौरान लोगों के व्यवहार का एक दुखद पहलु सामने आया है.उस वक्त बहुत से लोग मुझ से पहले वहां मौजूद थे जिन्होंने बताया कि वह व्यक्ति एक बस से उतरने के बाद सड़क पर ही बेहोश हो गया.लेकिन उन्होंने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने का प्रयास नहीं किया.लोगों का यह व्यवहार इन्सान की संवेदनहीनता को दर्शाता है.ऐसी घटना का सामना किसी को भी करना पड़ सकता है इसलिए स्वयं कि सहायता के लिए आवश्यक है कि औरों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाएं.
गौरतलब है कि डॉ जनकराज अपने चिकित्सक पेशे के अलावा भी समाज में लोगों की सहायता के लिए जाने जाते हैं.कभी वे फेसबुक पर उठी मरीज की सहायता की आवाज सुनकर उसे अपने पास बुला लेते हैं तो कभी गरीब मरीज के ऑपरेशन का खर्चा तक स्वंय भर देते हैं.ऐसे बहुत से किस्से उनके बारे में लोग बताते हैं.
एक अनजान व्यक्ति की जान बचाने के कार्य के कारण आज लोग सोशल मीडिया में उनकी तारीफ कर रहे हैं.