154ए प्रबंधन के कारनामें सड़क में गढ्ढे,कार चालक पर कीचड़,बस चालक को थप्पड़ !

रोजाना24,चम्बा : गलती किसी की और भुगतान किसी और को करना पड़़ रहा.आपने कई बार सुना होगा कि सड़क के गढ्ढों से बचने की कोशिश में कई वाहन दुुु्र्घटना का शिकार हो जाते हैं.आज गढ्ढे किसी बड़ी दुर्घटना के कारण तो नहीं बने लेकिन इसने सवाल बड़ा खड़ा किया है.

आज सुबह सुप्पा भरमौर पठानकोट रुट की बस के चालक को किसी स्थानीय कार ड्राइवर ने इसलिये थप्पड़ मार दिए कि सड़क में पड़े गड्ढे का कीचड़ बस के टायर से छिटक कर कार सवार पर जा गिरा.घटना के बाद बस चालक ने सावनपुर में ही सभी सवारियों को उतार दिया.जिस कारण लोगो को वहां से पैदल भरमौर जाना पड़ा। सूत्रों के अनुसार भरमौर पठानकोट बस जब सुप्पा से भरमौर की ओर जा रही थी तो सावनपुर के समीप बस के टायर से कीचड़ एक कार चालक के ऊपर जा गिरा जिस पर हुई कहा सुनी पर कार चालक ने बस ड्राइवर को थप्पड़ मार दिए। जिस पर उठे बवाल को भरमौर थाने तक पहुंचते देर नही लगी। मामले को तो पुलिस के सहयोग से कुछ दे लेकर सुलझा दिया गया मगर इस पूरे घटना क्रम में बस में चम्बा व पठानकोट की ओर जाने वाले यात्रियों को लगभग तीन घण्टे लेट होना पड़ा. वहीं नेशनल हाई वे अथॉरिटी को इस घटना ने सन्देश दिया कि भरमौर खडामुख सड़क पर पड़े गढ़ों को शीघ्र भरा जाए अन्यथा कीचड़ तो किसी के भी ऊपर गिर सकता है ऐसे में और किस किस को थप्पड़ खाने पड़ेंगे। बस चालक राजकुमार ने बताया कि उसकी कोई भी गलती नहीं थी।उन्होंने कहा कि सड़क पर चलते हमें भी कई वार कीचड़ के छींटे लगते रहे हैं.पुलिस थाना भरमौर ने मामले की पुष्टि की है.

घटना मामूली लग सकती है लेकिन ऐसी लापरवाही गम्भीर स्थितियां पैदा कर सकती हैं.सड़क के गढ्ढों में के लिए एनएच व अन्य निर्माण एजेंसियां जिम्मेदार हैं जो कि सड़क में पड़े गढ्ढों को महीनों तक ठीक नहीं करतीं.कोई वाहन चालक गलती से भी कीचड़ उछाल गया तो वहां से गुजरते पैदल यात्रियों या स्कूली बच्चों पर गिरता है.कीचड़ अगर सामान्य व्यक्ति पर गिरा तो वह बेचारा बुदबुदाता हुआ आगे बढ़ जाएगा. क्योंकि उसे पता है कि वह अमीर वाहन चालक से उलझ कर भी कुछ नहीं कर पाएगा.वहीं अगर किसी पहुंच वाले या सिरफिरे के ऊपर कीचड़ गिरे तो नौबत हाथापाई तक पहुंच जाती है जैसे आज की घटना में हुआ.

अब समझने वाली बात यह है कि सड़क के गढ्ढे ठीक न करने की लापरवाही राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की है तो कीचड़ की बौछार के लिए व उससे उत्पन होने वाले विवाद.गढ्ढों के कारण होने वाले वाहन दुर्घटनाओं व हादसों की सजा लोग क्यों भुगतें ? इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित क्यों नहीं किया जाता ?

गलती अगर सड़क व्यवस्था देखने वाले एनएच प्राधिकरण की ही है तो बस चालक ने भी तो कीचड़ से गुजरते हुए गति कम नहीं की.जब बस चालक विवाद में फंस गया तो सवारियों को बीच रास्ते में उतारने की सजा भी तो मिलनी चाहिए.पुलिस ने भी मामले की तह तक पहुंच कर कोई कार्यवाही न करते हुए विवाद को दबाना ही अपना कार्य समझा.कीचड़ भरे गढ्ढों से गुजरते हुए कई वाहन चालक पैदल चलने वाले लोगों पर कीचड़ गिरने की परवाह नहीं करते.आखिर उन्हें सबक सिखाने की जिम्मेदारी भी तो पुलिस की ही है.

आज की घटना में भी एनएच की गलती से कार चालक को गंदगी भरे कीचड़ के छींटे झेलने पड़े तो बस चालक को थप्पड़ खाने पड़े.यही नहीं जो यात्री पैसे खर्च कर यात्रा कर रहे थे उन्हें बीच रास्ते में उतार दिया गया.आखिर इसमें सरकार व प्रशासन कब तक आंखें मूंदे रहेंगे ?