रोजाना,24चम्बा : बीती शाम से चम्बा जिला के भरमौर,पांगी,डलहौजी,चुराह उप मंडलों में हो रहे हिमपात ने पिछले 29 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.वर्ष 1990 में पांच फुट वर्फ एकमुश्त गिरी थी जिसके बाद हर सीजन में छ: इंच से एक फुट तक हिमपात होता रहा है.अब काफी अर्से बाद हिमपात ग्रामीण भागों में हिमपात तीन फुट के स्तर को छू रहा है.खबर लिखे जाने तक भरमौर उपमंडल के ऊपरी ग्रामीण भागों में ढाई फुट तक हिमपात हो चुका था.जबकि हिमपात का क्रम अभी जारी है.अगर हिमपात इसी प्रकार जारी रहा तो यह 29 वर्षों के रिकॉर्ड को भी तोड़ सकता है.अगर ऐसा हुआ तो यह भारी तबाही भी मचा सकता है.क्योंकि जनवरी माह तक गिरने वाली कम भार वाली होती है.जबकि फरवरी माह व उसके बाद गिरने वाली वर्फ में पानी की अधिकता होने के कारण काफी भारी होती है.जिसके भार से भवनों,सड़कों,पेड़ों व जमीन धंसने का खतरा बढ़ जाता है.
मौसम विभाग ने कल 08 फरवरी को भी हिमपात होने का पूर्वानुमान जारी कर दिया है.
हिमपात से उत्पन खतरों से बचने के लिए लोगों ने वर्फबारी के बीच घर की छतों पर चढ़ कर वर्फ हटाई ताकि वर्फ के भार से उनके आशियाने को कोई नुक्सान न हो.
हिमपात के कारण भरमौर मुख्यालय के समीप एक जर्जर अवस्था में हो चुके पुराने घर की छत गिरने के अलावा और कोई किसी प्रकार के नुक्सान की सूचना नहीं है.
हिमपात के कारण भरमौर क्षेत्र में पिछले कल से बिजली गुल हो चुकी है वहीं सड़क मार्ग पर यातायात भी ठप्प है.ऐसे में भरमौर क्षेत्र में गम्भीर रूप से बीमार,घायल अथवा गर्भवती महिला को क्षेत्रीय अस्पताल चम्बा ले जाना लगभग ना मुमकिन है.
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी भरमौर पृथीपाल सिंह ने कहा कि हिमपात भले ही खतरे के निशान को पार कर रहा हो लेकिन प्रशासनिक अमला व प्राकृतिक आपदा प्रबंधन किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थितियों से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है.उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोग काफी साहसी व जुझारू प्रवृति के हैं जोकि इससे भी अधिक हिमपात की परिस्थितियों में रहना जानते हैं.उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता हुई तो वे सरकार से हैली अम्बुलैंस अथवा हैलिटैक्सी की भी मांग करेंगे.