फिर टूटे चौरासी मंदिर परिसर में रखे दानपात्र…आखिर क्यों नहीं मिल रही दानपात्रों को सुरक्षा ?

रोजाना24,चम्बा :- भरमौर के चौरासी परिसर में रखे दानपात्रों को किन्हीं शरारती तत्वों ने तोड़ दिया है। दानपात्रोंं में से धनराशी भी गायब है.जिसकी शिकायत मणिमहेश ट्रस्ट के सदस्य कन्हैया शर्मा ने अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट भरमौर पी पी सिंह से की है . उन्होंने ये दानपात्र दीवाली की रात को टूटने की आशंका जताई है । उल्लेखनीय है कि दानपात्रों से छेड़छाड़ अक्सर होती ही रहती है मगर अब तक न तो किसी ऐसे तत्व का पता चला है और न ही आज तक किसी पर कोई कार्यवाही हुई है शायद यही कारण है कि बार बार इन दानपात्रों को तोड़ा जाता है या स्थापित ही नहीं होने दिया जाता या कहीं स्टोरों में छुपा कर रख दिया जाता है। इससे पहले भी भरमौर चौरासी के दानपात्रों को तोड़कर इसमें से पैसे निकालने की घटनाएं हो चुकी है। जबकि भरमाणी माता के मंदिर में तो दानपात्र रखने ही नहीं दिए जाते.हर साल यहां के दानपात्र स्टोर में फेंके गए मिलते हैं। हड़सर,गौरीकुंड तथा डल झील के दानपात्रों को भी इधर उधर हटा दिया जाता है। भरमौर चौरासी,भरमानी माता तथा डल झील के दानपात्रों को एक वर्ग ने कभी मंजूर ही नहीं किया बल्कि दानपात्र रखने का विरोध ही करते रहे। उधर स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाओं शिव भूमि सेवा समिति,मनीमहेश यात्रा सुधार मंच का कहना है कि दान पात्र दो ही वजहों से तोड़े जा सकते हैं,एक तो चोरी के मकसद से व दूसरे मणिमहेश न्यास का विरोध करने वाले इन्हें तोड़ सकते हैं.विडम्वना यह है कि दर्जन भर दान पात्रों को तोड़ने की घटनाएं घट चुकी हैं लेकिन पुलिस ने अब तक एक भी व्यक्ति को नहीं पकड़ा है.जबकि चौरासी मंदिर परिसर में आधा दर्जन सीसीटीवी लगे हुए हैं.दान पात्रों की तोड़फोड़ की घटनाओं से आमजन व दानी लोगों का विश्वास न्यास प्रबंधन से उठ रहा है.एक ओर पुलिस किसी को पकड़ नहीं पा रही दूसरी ओर न्यास प्रबंधन घटना को बीत गई बात गई की तरह लेता है.लोगों का कहना है कि पहली व दूसरी बार दानपात्र तोड़ने की घटना के बाद चोरों के न पकड़े जाने के कारण उनका मनोबल बढ़ गया है और वे बारबार ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.ऐसे में अब अगर यह चोर न पकड़े गए तो वे न्यास को कोई दान नहीं देंगे.वहीं न्यास पर लापरवाही भरे तरीके से कार्य करने का भी आरोप है.न्यास न तो अब तक अपने कर्मचारी नियुक्त कर पाया है.दान पात्र उचित स्थानों पर स्थापित न कर पाना.दानपात्रों से दान राशी निकालने की कोई निश्चित समयावधि न होना.सीसीटीवी खराब रहना या उन्हें उचित दिशा में स्थापित नहीं किया जाना जैसी कई कमजोरियों को न्यास द्वारा दूर नहीं किया जा रहा जिस कारण न्यास को पैसे के लिए औरों का मोहताज होना पड़ रहा है. गौरतलब है कि चौरासी मंदिर के सम्मुख व गणेश मंदिर के पास लगाए गए दानपात्रों को तोड़ने के बाद उसमें से कितनी राशी गायब हुई है इसका भी कोई पता नहीं है.

लोगों की मांग है कि मणिमहेश न्यास को चाहिए कि वे कड़ाई से मामले की जांच करवाए व दोषी लोगों को कानून के हवाले करने में मदद करे.अन्यथा लोगों का भरोसा उठ गया तो न्यास धन के लिए तरस जाएगा । प्रशासन को यात्रा का संचालन करना होता है,जो हर सुविधा यात्रियों को देता है वह यात्रा के दौरान चढ़ने वाले चढ़ावे से ही मिलती हैं। प्रशासन के पास यात्रा के संचालन के लिए कोई विशेष बजट नहीं होता है,बल्कि जहां तहां से ही बजट की व्यवस्था करनी पड़ती है।  इस संदर्भ में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट पी पी सिंह ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आया है,जिसके लिए तहसीलदार भरमौर को आगामी कारवाही करने के आदेश दे दिए गए है।