भरमौर प्रशासन की तुगलकी योजना !

भरमौर प्रशासन ने नये वित्त वर्ष के लिए कार्ययोजना हेतु एक बैठक का आयोजन किया.एडीएम भरमौर की अध्यक्षता में हुई बैठक में लगभग सभी कार्यालयों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की प्रैस विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में पच्चीस मुद्दों पर चर्चा की गयी जिन में से दस का निपटारा हो गया.

बैठक में एडीएम भरमौर ने अजीब सा प्रस्ताव रखा कि कोषागार कार्यालय को मौजूदा भवन से निकाल कर अन्य स्थान पर स्थापित किया जाएगा.और इस भवन में मणिमहेश न्यास का कार्यालय स्थापित किया जाएगा.इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि चूंकि मणिमहेश न्यास मंदिर से सम्बंधित है इसलिए न्यास का कार्यालय चौरासी मंदिर परिसर के पास रहना चाहिए.

प्रशासन की इस योजना को लोगों ने तुगलकी योजना बताते हुए कहा है कि कोषागार कार्यालय को बदलने के लिए अन्य जगह खोजने में वक्त व धन की बरबादी होगी.वहीं कामकाज भी प्रभावित होगा.जबकि न्यास कार्यालय के लिए तो कहीं भी भवन खोज कर कार्यालय चलाया जा सकता है.अगर प्रशासन मंदिर के आसपास ही कार्यालय खोलना चाहता है तो हड़सर में बनाई गई सराय भवन में कार्यालय के लिए काफी जगह है जहां से मणिमहेश यात्रा का संचालन भी आसानी से हो सकता है.लोगों का कहना है कि प्रशासन आखिर ऐसी तुगलकी योजना तैयार क्यों कर रहा है जिससे सब कार्य प्रभावित होते हों ?