चम्बा -: आयुर्वैदिक चिकित्सालय भरमौर में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को पहचान दिलाने वाले उप मंडलीय आयुर्वैदिक चिकित्सा अधिकारी 31 अगस्त 2018 को सेवा निवृत हो रहे हैं.भरमौर अस्पताल में साढे तीन साल के इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने अस्पताल में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के प्रचार प्रसार,पंचकर्म चिकित्सा प्रणाली के अलावा योग क्रिया पर भी बल दिया.उन्होंने कहा कि भरमौर क्षेत्र में औषधीय खेती की आहार सम्भावनाएं हैं.सरकार अगर किसानों को इस दिशा में प्रेरित करती है तो लोगों को आमदनी के साथ साथ मुफ्त औषधि भी प्राप्त हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि आगामी कुछ ही दिनों में मणिमहेश यात्रा शुरु हो जाएगी जिसमें बहुत से कर्मचारी अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात कर दिया जाएगा.ऐसे में वे सेवानिवृति के दिन सब साथियों से नहीं मिल पाऊंगा इसलिए आज प्रतिभोज के बहाने सब साथियों के साथ मुलाकात करने का अवसर प्रदान हो गया है.
उन्होंने कहा कि भरमौर में सेवा करने का अनुभव बहुत बढ़िया रहा है.अच्छी किस्मत वाले कर्मचारी अधिकारियों को ही यहां सेवा का मौका मिलता है.वे सेवा निवृति के बाद भी यहां के लोगों के स्वास्थ्य लाभ के लिए आयुर्वेदिक प्रणाली से निशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने सा प्रयास करेंगे