रावी के ऊफान में अपना हित खोज रहे लोग…मौत को दावत !

चम्बा -: चम्बा जिला में भारी बारिश के कारण रावी नदी खतरे के निशान तक करीब करीब पहुंच ही चुकी है.रावी नदी के स्लेटी रंग के सैलाब के भीतर बह रही चट्टानों की आवाज से ही आम लोगों का दिल दहल जाता है.लेकिन कुछ लोग तो इस सैलाब से भी लाभ लेने के लिए जान जोखिम में डालने से पीछे नहीं हट रहे.ऊपरी पहाड़ी भागों से बह कर आ रही लकड़ी के शहतीरों,व वन सम्पदा को लोग नदी के तेज बहाव से निकालने के प्रयास में जुट गए हैं.लूणा से लेकर चमेरा चरण एक तक के रावी नदी के किनारों पर लोग लकड़ी निकलाने के लिए जमे हुए हैं.लोग नदी से बह कर आ रही लकड़ी को निकालकर वाहनों में भरकर घरों को ले जाने में व्यस्त हैं.वैसे भी बरसात के मौसम को नदी तट के लोग वरदान मानते हैं.नदी में बह कर आने वाली लकड़ी यह लोग गृह निर्माण में प्रयोग करते हैं. माना जाता है कि नदी के तट पर बसने वाले यह लोग कई वर्षों से बहाव में आने वाली लकड़ी को निकालने में अभ्यस्त हैं लेकिन बावजूद इसके लकड़ी निकालने के प्रयास में लोगों के रावी में पहने के समाचार मिल ही जाते हैं.

 आज सुबह मैहला गांव की एक महिला रावी नदी से लकड़ी निकालने के प्रयास में बह गई ! आज दिनांक 29/06/2018 को पुलिस थाना सदर चंबा में फोन द्वारा एक सूचना मिली कि एक महिला, जिनका नाम विमला देवी पत्नी स्व0 श्री पूर्ण चंद गाँव स्वाण डा0 घ0 मैहला तहसील व जिला चंबा उम्र 55 साल, सुबह लगभग 07:30 बजे मैहला में रावी नदी के आसपास लकड़ी लेने गयी थी,रावी नदी का बहाव बहुत ज्यादा होने कि वजह से पानी में बह गयी है I सूचना मिलते ही पुलिस थाना सादर चंबा का एक दल घटना स्थल पर पहुँच चुका है और उपरोक्त महिला के परिजनों व स्थानीय लोगों की सहायता से महिला के शव की तलाश जारी है जिसे अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है I उपरोक्त घटना को देखते हुए हिमाचल प्रदेश पुलिस,चम्बा ने सभी चंबा वासियों से अनुरोध है कि रावी नदी के आसपास न जाएँ ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो ।