हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का एक और दर्दनाक मामला सामने आया है। पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, चंबा में एक प्रसूता की मौत हो गई, क्योंकि उसे समय पर जीवनदायिनी एंबुलेंस नहीं मिल पाई।
👶 प्रसव के बाद बिगड़ी महिला की हालत
चंबा जिले की एक महिला को दूसरे बच्चे के प्रसव के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था।
- चिकित्सकों ने ऑपरेशन के जरिए एक बच्ची को जन्म दिलवाया, लेकिन इसके बाद महिला का अत्यधिक रक्तस्राव (हेमरेज) शुरू हो गया।
- डॉक्टरों ने रक्तस्राव को रोकने की भरपूर कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
- देर रात महिला की स्थिति और गंभीर हो गई, जिसके चलते डॉक्टरों ने उसे टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर करने का फैसला किया।
🚑 जीवनदायिनी एंबुलेंस के लिए रातभर भटकते रहे परिजन
महिला की हालत गंभीर थी, ऐसे में उसे टांडा मेडिकल कॉलेज (डॉ. राजेंद्र प्रसाद गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, कांगड़ा) ले जाने के लिए वेंटिलेटर और ऑक्सीजन से लैस जीवनदायिनी एंबुलेंस की जरूरत थी।
- चंबा मेडिकल कॉलेज में मौजूद इकलौती जीवनदायिनी एंबुलेंस पहले ही एक अन्य मरीज को लेकर टांडा गई हुई थी।
- परिजनों ने चिकित्सा अधीक्षक से कई बार संपर्क किया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला।
- रातभर इधर-उधर भटकने के बाद परिजनों ने बाहर से निजी जीवनदायिनी एंबुलेंस का इंतजाम करने की कोशिश की, लेकिन इससे पहले कि एंबुलेंस चंबा पहुंच पाती, महिला ने दम तोड़ दिया।
😭 नवजात के सिर से उठा मां का साया, अस्पताल में मचा हाहाकार
महिला की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पूरे अस्पताल में शोक और आक्रोश का माहौल बन गया।
- एक नवजात बच्ची ने जन्म लेते ही अपनी मां को खो दिया, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं।
- परिजनों का कहना है कि अगर समय पर जीवनदायिनी एंबुलेंस मिल जाती, तो शायद महिला की जान बच सकती थी।
⚠️ स्वास्थ्य सुविधाओं पर उठे सवाल
इस घटना ने चंबा मेडिकल कॉलेज और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- क्या किसी बड़े अस्पताल में सिर्फ एक जीवनदायिनी एंबुलेंस होना पर्याप्त है?
- गंभीर मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं थी?
- क्या सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं सिर्फ कागजों तक सीमित हैं?
🛑 परिजनों ने मांगी कार्रवाई, सरकार से उठी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग
पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
- अस्पताल में जीवनदायिनी एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने और
- गंभीर मरीजों के लिए तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने की अपील की गई है।
प्रदेश सरकार को चाहिए कि ऐसे मामलों से सबक लेते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाए, ताकि किसी अन्य परिवार को इस तरह की त्रासदी का सामना न करना पड़े।