कांगड़ा में 70,000 परिवारों का सस्ता राशन बंद, ई-केवाईसी न करवाने पर कार्रवाई

कांगड़ा में 70,000 परिवारों का सस्ता राशन बंद, ई-केवाईसी न करवाने पर कार्रवाई

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ई-केवाईसी (राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया) न करवाने के कारण 70,000 परिवारों का सस्ता राशन बंद कर दिया गया है। यह आंकड़ा मंगलवार तक का है और संभावना है कि यह संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है।

ई-केवाईसी की अनिवार्यता

खाद्य आपूर्ति विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए ई-केवाईसी पूरी न करने वाले राशन कार्ड धारकों पर यह कार्रवाई की है। विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को कई बार ई-केवाईसी कराने के लिए नोटिस दिए गए थे, लेकिन बड़ी संख्या में कार्ड धारकों ने इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया।

जिले में राशन कार्ड धारकों की स्थिति

कांगड़ा जिले में कुल 4,74,000 राशन कार्ड धारक हैं। इनमें से लगभग 96 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने अपने राशन कार्ड को आधार से जोड़ लिया है। हालांकि, शेष 70,000 परिवारों ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की, जिसके चलते उन्हें सरकारी सस्ते राशन की सुविधा से वंचित होना पड़ा है।

ई-केवाईसी की सुविधा और उपभोक्ताओं की लापरवाही

ई-केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने राशन डिपो में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई थी। इसके बावजूद, उपभोक्ताओं की लापरवाही के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई।

डीएफसी का बयान

जिला कांगड़ा के डीएफसी पुरुषोत्तम सिंह ने बताया, “मंगलवार तक लगभग 70,000 परिवारों को ई-केवाईसी न कराने के कारण सस्ते राशन की सुविधा से वंचित कर दिया गया है। यदि समय रहते इन परिवारों ने अपनी ई-केवाईसी पूरी नहीं की, तो यह संख्या और बढ़ सकती है।” उन्होंने यह भी कहा कि जिनके राशन कार्ड बंद हो गए हैं, वे संबंधित क्षेत्र के खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर से संपर्क करके अपने राशन कार्ड को पुन: सक्रिय करवा सकते हैं।

आगे की प्रक्रिया

जिन उपभोक्ताओं के राशन कार्ड बंद किए गए हैं, उन्हें आधार कार्ड के साथ ई-केवाईसी प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की सलाह दी गई है। यह प्रक्रिया नजदीकी राशन डिपो या खाद्य आपूर्ति विभाग कार्यालय में करवाई जा सकती है।

राज्य में बढ़ती सख्ती

हिमाचल प्रदेश सरकार और खाद्य आपूर्ति विभाग ने सभी जिलों में ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। यह कदम लाभार्थियों की पात्रता सुनिश्चित करने और सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है।