सोलन जिला अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में ड्रग विभाग के अधिकारी कपिल धीमान और उनके परिवार के दो अन्य सदस्यों को दोषी ठहराया है। विशेष न्यायाधीश अरविंद मल्होत्रा की अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया, जिसमें दोषी कपिल धीमान को 3 साल के कठोर कारावास और ₹5 लाख का जुर्माना लगाया गया। साथ ही, उनकी लगभग ₹65 लाख की संपत्ति सरकार के अधीन करने का आदेश दिया गया।
मामले की पृष्ठभूमि
2012 में विजीलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत मिली थी कि कपिल धीमान ने अपने पद का दुरुपयोग कर भारी मात्रा में संपत्ति जुटाई है। जांच में यह पाया गया कि उनके पास महंगे फ्लैट्स, कारें, विदेशी शराब, सोने-चांदी के गहने और अन्य संपत्तियां थीं, जिनकी कीमत करोड़ों में थी।
अन्य दोषियों पर कार्रवाई
- लक्ष्मण धीमान (पिता): 2 साल की सजा, ₹2 लाख का जुर्माना, और कुल्लू स्थित 15 लाख का तीन मंजिला भवन सरकार के अधीन।
- पुनीत धीमान (भतीजा): 2 साल की सजा, ₹2 लाख का जुर्माना, और बैंक में जमा ₹15 लाख की एफडीआर सरकार को सौंपने का आदेश।
अन्य आरोपियों का मामला
जांच के दौरान तीन उद्योगपतियों पर भी आरोप लगे थे, लेकिन साक्ष्यों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया।
जांच में चौंकाने वाले खुलासे
विजीलेंस के अनुसार, धीमान के आवास पर छापेमारी में इतनी संपत्ति मिली कि उसकी गिनती में तीन दिन लग गए। जांच में महंगी गाड़ियां, आभूषण, विदेशी शराब, और फ्लैट्स के दस्तावेज बरामद हुए।
अदालत का निर्णय
अदालत ने इसे भ्रष्टाचार और अनैतिक संपत्ति अर्जन का मामला मानते हुए कठोर सजा सुनाई। यह फैसला सार्वजनिक पदों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश देता है।