चंबा (भरमौर) – मणिमहेश ट्रस्ट की एक महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को चंबा जिले के भरमौर स्थित लघु सचिवालय पट्टी के सभागार में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता चंबा के उपायुक्त और आयुक्त मंदिर मुकेश रेपसवाल ने की। बैठक में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा मणिमहेश यात्रा के संचालन से जुड़े दिशा-निर्देशों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। उपायुक्त ने बैठक के दौरान एनजीटी के आदेशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया और कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए।
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने वन विभाग और वन्य प्राणी विभाग को मणिमहेश यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों और ट्रैकिंग यात्रियों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मणिमहेश डल झील के जल ग्रहण क्षेत्र में किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां, जैसे लंगर या अन्य कार्य, एनजीटी के दिशा-निर्देशों के तहत प्रतिबंधित रहेंगी।
बैठक में इको टूरिज्म सोसाइटी गठित करने के निर्देश भी दिए गए, जिसमें स्थानीय समुदाय के लोगों को शामिल किया जाएगा ताकि यात्रा क्षेत्र में पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए गतिविधियां नियंत्रित की जा सकें। उपायुक्त ने स्थानीय लोगों को एनजीटी के आदेशों के प्रति जागरूक करने और सहयोग प्राप्त करने के लिए भरमौर प्रशासन को निर्देश दिए।
यात्रा मार्ग में सुविधाओं का विस्तार
मणिमहेश यात्रा के लिए आगामी तैयारियों पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग को हड़सर से लेकर धन्छों तक के मार्ग को चौड़ा और पक्का करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही घोड़े-खच्चरों के लिए अलग से रास्ता बनाकर श्रद्धालुओं को सहूलियत देने के प्रयास किए जाएंगे। यात्रा मार्ग पर 200 अतिरिक्त शौचालयों का निर्माण भी निर्धारित किया गया है।
यात्रा मार्ग पर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए बीएसएनल के अधिकारियों को मोबाइल टावर कनेक्टिविटी सुधारने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, हड़सर से धन्छों तक ट्रांसफार्मर और ग्रिड सप्लाई की व्यवस्था के लिए बिजली विभाग को आवश्यक कदम उठाने को कहा गया।
ट्रस्ट की आय में वृद्धि और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता की पहल
उपायुक्त रेपसवाल ने मणिमहेश ट्रस्ट के आय-व्यय की समीक्षा करते हुए आय बढ़ाने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता जताई ताकि यात्रा में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें। इसके साथ ही उन्होंने यात्रा को राष्ट्रीय स्तर का उत्सव घोषित कराने का सुझाव देते हुए भाषा एवं संस्कृति विभाग को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
चौरासी मंदिर परिसर का निरीक्षण
बैठक के बाद उपायुक्त ने चौरासी मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और परिसर की साफ-सफाई व अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूरे 84 मंदिर परिसर को मणिमहेश न्यास के अधीन लाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को शीघ्र भेजा जाए।
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, वन मंडल अधिकारी नवनाथ शिवाजी माने, जिला पर्यटन अधिकारी राजीव मिश्रा, जिला भाषा अधिकारी तुकेश शर्मा, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग मीत कुमार और जल शक्ति विभाग के हरमिंदर चौणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।