हड़सर में बढ़ा भूसंख्लन का खतरा ! जलधार मंदिर की ओर जाना हो सकता है जोखिम भरा .

भरमौर ..मणिमहेश जाने बाले रास्ते पर जलधार मन्दिर तथा गासगुड्डी मन्दिर के बीच के भू भाग में बड़ी बड़ी दरारें आ जाने के कारण हड़सर में भारी भूस्खलन का खतरा मंडराने लगा है। लोगों के अनुसार पेयजल लाइन लीक होने के कारण यह दरारें आई हैं. 

बीती शाम हड़सर के समीप कुगति सड़क मार्ग पर भूसंख्लन होने के कारण सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया था,जिसकी दरारें मणिमहेश के लिए जाने बाले पुराने पैदल रास्ते तक पहुंच गई है जिसकी चपेट में जलधार मन्दिर,उसकी सराय तथा कुछ दुकानें भी आ गयी है। दरारें इतनी बड़ी है कि ये भूस्खलन कभी भी हो सकता है,वहीं इसी रास्ते पर नीचे मुख्य मार्ग पर हुए भूस्खलन बाले स्थान पर निरन्तर गिर रहे पत्थरों के कारण कुगति की ओर जाने वाले लोग बुढ्डल नदी के तट के पास से गुजरते पुराने पैदल मार्ग से गुजरने को मजबूर हैं जोकि जोखिम भरा भी है। मशीनरी लेकर मार्ग को खोलने पहुंचे लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने जब नीचे से मलवा हटाना शुरू किया तो ऊपर मणिमहेश के पुराने रास्ते से पत्थर गिरने शुरू हो गए जब रोड निरीक्षक अर्जुन शर्मा ने ऊपर जाकर देखा तो बड़ी बड़ी दरारें जलधार मन्दिर के समीप देख कर तुरन्त नीचे लगी मशीन को हटा कर सुरक्षित स्थान पर भेज कर पूरा मुआयना कर अपने उच्चाधिकारियों को स्थिति से अवगत करवाया,कि ये भूस्खलन कभी भी हो सकता है। क्योंकि निचले क्षेत्रो में गर्मी बढ़ते ही औसतन एक सौ से अधिक यात्री प्रतिदिन मणिमहेश जा रहे है। पँचायत प्रधान अंजू देवी ने बताया कि अगर ये भूस्खलन हुआ तो मणिमहेश जाने बाले यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाना पड़ेगा क्योंकि दोनों रास्ते बंद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल जलधार मन्दिर के ऊपर से वैकल्पिक रास्ता निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग से आग्रह किया गया है। हड़सर गांव के निवासियों ने दरारें आने का कारण पेयजल लाइन की सारी रात हुई लीकेज को बताया।

गौरतलब है कि आजकल कुगति स्थित कार्तिक मंदिर के लिए श्रद्धालुओं की आवाजाही ज्यादा रहती है.वहीं मणिमहेश यात्रा के दौरान पार्किंग के लिए भी इसी सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है।अगर भूसंख्लन वाले भूभाग को ठीक न किया गया तो यह बरसात व मणिमहेश यात्रा के दौरान जोखिम खड़ा कर सकता है। छुट्टी होने के कारण किसी उच्चाधिकारियों से बात नही हो सकी मगर विभाग के कनिष्ठ अभियंता करनैल सिंह ने बताया कि उन्होंने मौके का मुआयना किया है ,ऊपर दरारें काफी बड़ी हो गयी है,मणिमहेश के लिये जाने के लिए स्कूल के रास्ते बाले रास्ते को ही तैयार करना विकल्प दिख रहा है,हालांकि भूस्खलन का खतरा निरंतर है। विभाग स्थिति पर निरन्तर नजर बनाए हुए है।