हिमाचल प्रदेश: सरकारी कर्मचारियों की एसीआर में बड़ा बदलाव, अब प्रमोशन होगी टारगेट और परफॉर्मेंस बेस्ड

A government office setting in Himachal Pradesh, where employees are actively engaged in serving the public

शिमला, हिमाचल प्रदेश – राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आकलन और प्रमोशन प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए नई एसीआर (एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस महत्वपूर्ण बदलाव को मंजूरी दी गई है। इस नई व्यवस्था के तहत, अब कर्मचारियों की एसीआर में डिस्क्रिप्टिव ग्रेडिंग की बजाय न्यूमेरिकल ग्रेडिंग होगी, जो कि उनके वार्षिक लक्ष्यों और अचीवमेंट्स पर आधारित होगी।

न्यूमेरिकल ग्रेडिंग से होगी असेस्मेंट

इस नई प्रणाली में कर्मचारियों को अब उनके काम के प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाएंगे। पारंपरिक ‘आउटस्टैंडिंग’, ‘वेरी गुड’, या ‘एवरेज’ जैसी ग्रेडिंग के स्थान पर अब कर्मचारियों को उनके कार्यान्वयन पर अंक प्राप्त होंगे। इसके साथ ही, नेगेटिव ग्रेडिंग की व्यवस्था भी होगी, जिसमें गलत कार्यवाही या निष्क्रियता की स्थिति में अंक कट जाएंगे। यदि किसी कर्मचारी को नोटिस या एडवाइजरी जारी की गई है, तो भी उनके अंक कट सकते हैं, जिससे उनकी प्रमोशन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

प्रमोशन और इन्क्रीमेंट पर भी पड़ेगा असर

प्रमोशन और इन्क्रीमेंट भी इस ग्रेडिंग प्रणाली से सीधे जुड़े होंगे। हर विभाग के लिए वार्षिक कार्य योजना बनेगी, जिसमें हर पोस्ट के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय होंगे। उदाहरण के तौर पर, डीएफओ को नई प्लांटेशन, पुरानी प्लांटेशन की इंस्पेक्शन और नर्सरी प्रोडक्शन जैसे कार्यों में लक्ष्य हासिल करने होंगे। इसी प्रकार, शिक्षकों को कक्षा का रिजल्ट और प्रिंसिपल को स्कूल के एनरोलमेंट का लक्ष्य हासिल करना होगा। यह नई प्रणाली अगले वित्तीय वर्ष से हिमाचल प्रदेश में लागू की जाएगी।

ऑनलाइन एसीआर प्रणाली

एसीआर अब केवल ऑनलाइन ही भरी जाएगी, और यह प्रक्रिया हर साल 31 दिसंबर से पहले पूरी की जाएगी। कैबिनेट के इस फैसले के बाद कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव ने इसे मंजूरी दे दी है और इसे जल्द ही नोटिफाई किया जाएगा। सभी महकमों में इस प्रणाली को लागू किया जाएगा, जिससे सरकारी क्षेत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ेगी।

सीएम की पहल से आया बड़ा बदलाव

कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव अमनदीप गर्ग ने बताया कि यह कदम पूरे देश में अपनी तरह का अनूठा है, जो सरकारी क्षेत्र को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अगले वित्त वर्ष से यह प्रणाली लागू की जाएगी, और पहले चरण में इसे ग्रुप ए और बी के कर्मचारियों के लिए शुरू किया जाएगा। इस नए बदलाव से सरकारी कर्मचारियों की कार्यक्षमता और जवाबदेही में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है।