पशुपालन विभाग में झूठे प्रमाणपत्र से नौकरी: मंडी में विजिलेंस ने दर्ज किया मुकदमा

मंडी – विजिलेंस ने पशुपालन विभाग में वेटरिनरी फार्मासिस्ट की नौकरी झूठे प्रमाणपत्र के सहारे प्राप्त करने के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मंडी थाने में मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में वेटरिनरी फार्मासिस्ट, हलका पटवारी और 2017 में पशुपालन विभाग के निदेशक को आरोपी बनाया गया है। मुख्य आरोपी फार्मासिस्ट पर झूठे दस्तावेज़ों के सहारे नौकरी पाने का आरोप है, जबकि हलका पटवारी और निदेशक पशुपालन विभाग को अनुचित लाभ देने का आरोपी बनाया गया है।

विजिलेंस ने तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच तेज कर दी है। जानकारी के अनुसार, इस मामले में शिकायतकर्ता ने विजिलेंस को शिकायत की थी, जिसके बाद विजिलेंस थाना मंडी के इंस्पेक्टर मुनीष कुमार द्वारा मामले की जांच की गई। जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई।

एक्स सर्विस मैन कोटे का दुरुपयोग

जांच में पाया गया कि आरोपी ने 2017 में वेटरिनरी फार्मासिस्ट की नौकरी पाने के लिए वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन कोटे के तहत आवेदन किया था। इसके लिए उसने हलका पटवारी से वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन का प्रमाण पत्र हासिल किया। हलका पटवारी ने बिना किसी जांच के यह प्रमाण पत्र जारी कर दिया, जबकि आरोपी के पिता पहले ही एक्स सर्विस मैन कोटे के तहत 2012 में इंस्ट्रक्र प्लंबर की सरकारी नौकरी हासिल कर चुके थे। नियमों के अनुसार, एक्स सर्विस मैन कोटे के तहत किसी परिवार में एक ही व्यक्ति सरकारी नौकरी प्राप्त करने का लाभ ले सकता है।

विभागीय लापरवाही

हलका पटवारी ने उचित पड़ताल न करते हुए यह प्रमाण पत्र जारी कर दिया, जिससे आरोपी को नौकरी हासिल करने में सहायता मिली। इसके बाद पशुपालन विभाग द्वारा भी इस प्रमाणपत्र की नियुक्ति के समय जांच नहीं की गई। पशुपालन विभाग के निदेशक, जो कि भर्ती कमेटी के चेयरमैन भी थे, ने इस प्रमाणपत्र की जांच एसडीएम सरकाघाट और एक्स सर्विस मैन बोर्ड हमीरपुर से करवानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके बाद उपनिदेशक हमीरपुर द्वारा भी बिना वेरीफिकेशन के प्राथी को ज्वाइनिंग दे दी गई।

विजिलेंस की त्वरित कार्रवाई

एसपी मंडी विजिलेंस कुलभूषण वर्मा ने बताया कि इस संबंध में विजिलेंस को शिकायत मिली थी। जांच के दौरान सभी आरोप सही पाए गए हैं। इस मामले में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।