शिमला: हिमाचल प्रदेश वर्तमान में एक गंभीर सूखे का सामना कर रहा है, जिसने पिछले 20 वर्षों में सबसे लंबा शुष्क मौसम दर्ज किया है। जनवरी 2024 तक, राज्य में वर्षा की कमी 100% तक पहुँच गई है, जिससे मौसम की गंभीर स्थिति और भी जटिल हो गई है।
मैदानी और निचले पहाड़ी क्षेत्रों में ठंडी लहर के कारण जनजीवन बाधित हुआ है। यहाँ तक की राज्य के मौसम विभाग ने छह जिलों में घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। इस शुष्क मौसम का कृषि पर भी प्रभाव पड़ रहा है, जिसमें फसलों की वृद्धि में कमी और ठंडे मौसम के कारण होने वाली क्षति शामिल है।
उच्च ऊंचाई वाले जनजातीय क्षेत्रों और पर्वतीय दर्रों में अत्यधिक ठंड के हालात हैं, जहां तापमान शून्य से 12 से 18 डिग्री नीचे तक गिर गया है। प्राकृतिक जल स्रोत जैसे कि झरने, झीलें, और नदियाँ जम गई हैं, जिससे जल निर्गमन में काफी प्रभाव पड़ा है।
राज्य में तापमान की स्थिति चिंताजनक है, जहाँ अधिकतम तापमान सामान्य के करीब बना हुआ है, लेकिन न्यूनतम तापमान शून्य के आसपास रहा है। इस असामान्य मौसमी घटना के बीच, हिमाचल प्रदेश सरकार और प्राधिकरण जनता को आवश्यक सुचनाएँ और सहायता प्रदान कर रहे हैं।
इस ऐतिहासिक शुष्क मौसम ने वैश्विक मौसम पैटर्न और जलवायु परिवर्तन की जटिलता का संकेत दिया है। इससे समाज को ऐसी चुनौतियों से अनुकूलन और प्रतिरोध की आवश्यकता की ओर ध्यान आकर्षित होता है।