पहले नल से अंतड़ियां निकली थीं,अब पेयजल स्रोत में मिला गाय का गला हुआ शव

रोजाना24, चम्बा 24 जुलाई : गत दिनों भरमौर मुख्यालय के गोरपटा नामक गांव में नल से जानवरों की अंतड़ियां निकलने की घटना के बाद लोग पेयजल व्यवस्था से परेशान हो गए थे। घटना को घटे अभी कुछ ही दिन बीते हैं कि भरमाणी पेयजल स्रोत में के नाले में गाय का शव गली सड़ी हालत मिला है। जाहिर है कि गाय पिछले तीन चार दिनों से इस नाले में मरी पड़ी है। माना जा रहा है कि गाय को भालु ने यहां मार गिराया हो। क्षेत्र में दूषित पेयजल को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों के लिए मानों यह सामान्य घटना हो। 

गौरतलब है कि भरमाणी से बहते इस पानी को नड्ड नामक स्थान पर पेयजल भंडारण टैंकों में जमा कर लिया जाता जहां से इसे क्षेत्र के उपभोक्ताओं के नलों तक पहुंचाया जाता है। पिछले चार दिनों से गाय का शव इस पेयजल के स्रोत में पड़ा रहा और लोग इसी दूषित पानी को पी रहे हैं।

मलकौता गांव के युवकों ने गाय के शव को पेयजल नाले से हटाकर कर किनारे तो कर दिया है लेकिन सम्भावना है कि जंगली जानवर व आवारा कुत्ते इसे खींचकर फिर से  इस स्रोत में गिरा दें। नड्ड नामक स्थान से ग्राम पंचायत भरमौर,सचूईं व घरेड़ के करीब 15 हजार लोग इस पानी को पीते हैं।

इस बारे में जलशक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता दलेर सिंह को चार बार फोन किया गया लेकिन वे लोगों की समस्या को सुनने को राजी नहीं हैं। लापरवाही का आलम यह है कि जब कभी जल शक्ति विभाग की लापरवाही की कलई खुलती है तो विभागीय अधिकारी लोगों की शिकायतों से दूर भागते हैं व लीपापोती कर मामले को दबाने के प्रायस में जुट जाते हैं।

भाजयुमो जिलाउपाध्यक्ष मंजीत क्षत्रीय बताते हैं कि जलशक्ति विभाग पर हजारों लोगों का जीवन व स्वास्थ्य टिका हुआ है लेकिन अधिकारियों को केवल अपनी तनख्वाह से मतलब है लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।उन्होंने कहा कि विभाग ने अगर भरमाणी पेयजल नाले की सफाई व गाय के शव को सुरक्षित दुरी पर न दफनाया तो वे उपभोक्ताओं के साथ अधिशाषी अभियंता कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेंगे।