जाईका वानिकी परियोजना की टीम ने किया स्वां फैडरेशन का भ्रमण

रोजाना24, ऊना 18 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में जापान इंटरनेशनल काॅआप्रेशन एजैंसी (जाईका) द्वारा वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबन्धन और आजीविका सुधार मिशन परियोजना, शिमला से आज 22 सदस्यीय दल, ऊना जिला की स्वां वूमेन फैडरेशन के तीन दिवसीय एक्सपोज़र विज़िट पर यहां पहुंची। इस दल का नेतृत्व शिमला (ग्रामीण) वन मण्डलाधिकारी सुशील राणा कर रहे हैं। जबकि वन विभाग के अधिकारी और परियोजना के हितधारक भी इस दल में मौजूद थे। 

भ्रमण दौरे के पहले दिन आयोजित कार्यक्रम के मुख्यातिथि ऊना वन मण्डलाधिकारी मृत्युंजय माधव ने अपने संबोधन में कहा कि स्वां नदी एकीकृत जलागम प्रबन्धन परियोजना ऊना में जाईका की मदद से प्रदेश वन विभाग ने वर्ष 2006 से 2017 तक क्रियान्वित किया जिसमें वन विभाग के अलावा कृषि, बागवानी, पशुपालन, मृदा संरक्षण एवं मत्स्य पालन विभागों द्वारा स्वां नदी व उसकी 46 सहायक खड्डों के आसपास स्थित 52 पंचायतों में जलागम प्रबन्धन कार्याें को अंजाम दिया गया। परियोजना के माध्यम से वर्षाजल संग्रहण, भू-जल संवर्धन, पौधरोपण, चैक डेम निर्माण, कृषि, बागवानी व पशुपालन में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करने व आजीविका सृजन गतिविधियों को अंजाम दिया गया। इस दौरान स्वयं सहायता समूहों का गठन भी किया गया। 

वन मण्डलाधिकारी ने बताया कि परियोजना समाप्त होने के बाद भी परियोजना के उद्देश्यों व कार्यक्रमों को स्वां वूमेन फैडरेशन द्वारा आगे चलाया गया। उन्होंने बताया कि आज स्वां वूमेन फैडरेशन ने 89 पंचायतों में 712 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है और इसमें लगभग 10 हजार महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि फैडरेशन द्वारा स्वां वूमेन सहकारी सभा का भी गठन किया गया है जिसके माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को ऋण व लघु बचत कार्यक्रमों से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि इस सहकारी सभा का आॅडिट रिपोर्ट के अनुसार 11 करोड़ 21 लाख रूपये का मूल्यांकन किया गया है। उन्होंने कहा कि फैडरेशन ने महिला कृषकों के उत्पादों को खरीदकर प्रसंस्करण करने हेतु एक मसाला इकाई को स्थापित किया है और गत दो वर्षों के दौरान इस इकाई के माध्यम से 1 करोड़ 20 लाख रूपये के मूल्य के मसाले विक्रय किये गये हैं। 

मृत्युंजय माधव ने आगे बताते हुए कहा कि स्वां वूमेन फैडरेशन ने महिला सशक्तिकरण की एक बेहतरीन मिसाल पेश की है जिसे प्रदेश की अन्य जाईका परियोजनाओं में भी माॅडल के रूप में अपनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। 

स्वां वूमेन फैडरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ. आरके डोगरा ने इस अवसर पर फैडरेशन और सहकारी सभा द्वारा की जा रही गतिविधियों का उल्लेख किया। कार्यक्रम में स्वां वूमेन फैडरेशन की अध्यक्षा सुभद्रा देवी और स्वां वूमेन सहकारी सभा की अध्यक्षा राजकुमारी ने अपनी अपनी संस्थाओं की सृजन से लेकर अब तक की यात्रा पर प्रकाश डाला। भ्रमण दल ने बढेड़ा गांव में स्थापित संस्था की स्वां स्पाइसज़ इकाई का दौरा किया और विभिन्न मसालों के प्रसंस्करण की प्रक्रिया को देखा। इस अवसर पर बढेड़ा व धर्मपुर पंचायतों के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने भी अपने अनुभव सांझा किये। 

स्वां वूमेन फैडरेशन की सफलता पर जाईका ने आरंभ की शोध, परिणामों को अन्य जाईका परियोजनाओं में किया जाएगा लागू

परियोजना वन मण्डल अधिकारी सुशील राणा ने बताया कि जाईका वानिकी परियोजना वर्ष 2018 में शुरू की गई थी और इसमें वन से जुड़ी हुई जड़ी-बूटियांे का प्रसंस्करण व विपणन गतिविधियां शामिल हैं, जिसके लिए वहां के स्थानीय लोगों के हितधारक समूह गठित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वां वूमेन फैडरेशन के प्रथम दिवस के दौरे पर उनके दल को फैडरेशन स्तर पर सामाजिक समूहों को संगठित कर सामूहिक योजनाओं को अंजाम देने बारे जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि स्वां वूमेन फैडरेशन द्वारा गठित समूह, फैडरेशन के कार्यकत्र्ता व प्रबन्धन ने मिलजुलकर निष्काम भाव से गत पांच वर्षाें के दौरान जमीनी स्तर पर जो काम किया उसके परिणाम आज नजर आ रहे हैं और जाईका इंडिया द्वारा इस संस्था की सफलता का शोध करने के लिए योजना आरंभ की है और इस के परिणाम प्रदेश में जाईका की अन्य परियोजनाओं में लागू करने के भी प्रयास किये जाएंगे।