रोजाना24,ऊना,4 दिसंबरः जिला प्रशासन ऊना ने बाल भिक्षावृति पर अंकुश लगाने पर माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में विशेष अभियान शुरू किया गया है, जिसमें बच्चों से भिक्षावृति करवाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मंदिर आयुक्त व जिलाधीश ऊना राघव शर्मा ने कहा कि बाल भिक्षावृति कानूनी अपराध है तथा जिला बाल संरक्षण इकाई ऊना, पुलिस व चाइल्ड लाइन 1098 संयुक्त रूप से इस अभियान को चला रहे हैं। मुख्यतः जो बच्चे भीख मांगते हुए मिल रहे हैं, वह मंदिर परिसर के आसपास झुग्गी-झोपडियों में रहने वाले हैं।राघव शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन ऊना द्वारा बाल भिक्षावृति को रोकने के लिए नवरात्रों व समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है तथा इस सन्दर्भ में बाल भिक्षावृति को रोकने के लिए फ्लैक्स व पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पोस्टर व फ्लैक्ट मंदिर परिसर, बस अड्डा, पार्किंग, दर्शन पर्ची कार्यालय व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हों।जिला दंडाधिकारी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भिक्षावृति निवारण अधिनियम 1979 के अंतर्गत जो भी व्यक्ति बच्चों की मर्ज़ी या बिना मर्ज़ी से भिक्षावृति करवाता है, उसे इस अधिनियम की धारा 4 व 5 के अनुसार जुर्माना व सजा हो सकती है। डीसी राघव शर्मा ने अपील की है कि बाल भिक्षावृति को रोकने में जिला प्रशासन को पूर्ण सहयोग दें।