बरसात में फैलने वाली बीमारियों बारे स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाईजरी

रोजाना24,ऊना : मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमन कुमार शर्मा ने लोगों से बरसात के मौसम में फैलने वाली बीमारियों को लेकर सुरक्षा उपाय अपनाने की अपील की है। उन्होंने बताया कि मलेरिया, डेंगू, स्क्रब टाईफस व पीलिया इत्यादि बीमारियों से बचने के लिए कुछ एहतियात बरतनी जरूरी है। मलेरिया मादा एनोफलिस मच्छर के काटने से होता है। मरीज को ठण्ड लगकर कंपकंपी द्वारा 103 डिग्री या इससे अधिक बुखार आता है। यह मच्छर खड़े पानी में प्रजनन करता है। इससे बचने के लिए खड़े पानी की निकासी का होना अत्यंत जरूरी है। पशुओं द्वारा पानी पीने के लिए उपयोग किये जाने वाले बर्तनों को ढककर रखना जरूरी है। मलेरिया से बचाव व इलाज दोनों संभव है। कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। अत: खून की जाँच करवा कर मलेरिया की सही पहचान होती है।डॉ रमन शर्मा ने बताया कि डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है तथा साफ पानी में पनपता है। डेंगू में तेज बुखार सिर दर्द, बदन दर्द तथा जोड़ों में दर्द व रक्तस्राव होता है। डेंगू से बचने के लिए सप्ताह में एक-दो बार कूलर तथा पानी की टंकी को जरूर साफ करें। टूटे बर्तन पुराने टायर टूटे घड़े इत्यादि को घर में न रखें ताकि उनमें पानी इक_ा न हो।उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में आमतौर पर तेज बुखार से पीडि़त रोगियों  की संख्या बढ़ जाती है। यह बुखार स्क्रब टायफ़स हो सकता है। यह रोग खेतों, झाडिय़ों व घास में रहने वाले चूहों पर पनपने वाले संक्रमित पिस्सुओं के काटने से फैलता है। इसमें तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर में अकडऩ तथा कई बार गर्दन, वाजुओं के नीचे तथा कूल्हों के ऊपर गिल्टियाँ हो जाती हैं। इससे बचने के लिये घर के आसपास घास, खरपतवार उगने न दें। खेतों व झाडिय़ों में काम करते समय पूरा शरीर (खासकर टाँगें, पाँव और वाजू) ढककर रखें।उन्होंने बताया कि पीलिया (हेपेटाइटिस )हेपेटाइटिस ए तथा बी दूषित पानी व दूषित खाने से होता है। यह लीवर से संबंधित बीमारी है। इसमें मरीज को हल्का बुखार, पेट दर्द, आँखों व त्वचा का रंग पीला होना, उल्टी व मितली का होना तथा थकावट महसूस होती है। इससे बचने के लिए हाथों को खाना बनाने से पहले , खाने से पहले तथा शौच जाने के बाद साबुन से अच्छी तरह धोएं, शौचालय का प्रयोग करें, आसपास सफाई रखें तथा पीने के लिए साफ व शुद्ध जल का प्रयोग करें। किसी भी प्रकार की झाड़  फूंक न करवाएं।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमण कुमार शर्मा ने बताया कि जिला ऊना में मलेरिया, डेंगू, स्क्रब टाईफस व पीलिया इत्यादि के इलाज हेतु सभी दवाइयाँ तथा जाँच सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध है। अगर किसी भी व्यक्ति को उपरोक्त लक्षण हों तो तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य संसथान में दिखाएँ व इलाज करवाएं।