रोजाना24 : मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना डॉ रमण शर्मा ने सर्पदंश से सावधानी बरतने को लेकर लोगोंं से आहवान किया है कि सर्पदंश के खतरे से बचने के लिए लोग नंगे पांव या चप्पल पहनकर खेतों व घासनियों में कार्य करने से परहेज करें और रात्रि के समय लोग घर से बाहर जाने पर टॉर्च का रोशनी के लिए इस्तेमाल करें तथा सर्पदंश से बचने के लिए भूमि पर सोने से भी परहेज करें। उन्होंने बताया कि जब कोई सांप किसी को काट लेता है तो इसे सर्पदंश कहा जाता है। सांप के काटने से घाव हो सकता है और कभी-कभी विषाक्तता भी हो जाती है, जिससे मृत्यु तक संभव है। सर्पदंश से कुछ ही मिनटों में मृत्यु तक हो सकती है। अधिकांश सांप विषहीन होते हैं लेकिन कुछ एक सांप विषैले भी होते हैं।
सांप के काटने के लक्षण डॉ. रमण शर्मा ने कहा कि आम तौर पर सांप के काटने का तुरंत पता चल जाता है। इसके काटने पर दंश स्थान पर तीव्र जलन, उल्टी, मिचली, शॉक, अकड़न या कंपकपी, अंगघात, पलकों का गिरना, नजर फटना अर्थात किसी वस्तु का एक स्थान पर दो दिखना, मांसपेशियों में ऐंठन, काटे गए हिस्से में तेज दर्द, हाथ पैरों में झनझनाहट, चक्कर आना, पसीना आना तथा दम घुटना आदि लक्षण हो सकते हैं।
सांप के काटने से बचाव डॉ रमण शर्मा ने कहा कि सांप को पकड़ने से हमेशा बचना चाहिए। उन स्थानों से हमेशा दूर रहें जहां सांप होने की आशंका होती है जैसे कि लंबी घास और पतियों के ढेर, चट्टानों आदि में। यदि आपको सांप दिखे तो उसे छेड़ें नहीं और जाने दें। ऐसी जगह पर काम करते समय जहां सांप होने की आशंका हो, तो लंबे और मजबूत जूते पहनें, बाजूओं और टांगों को ढककर रखें और चमड़े के दस्ताने पहनें। गर्म मौसम में रात को बाहर काम करने से बचें, क्योंकि इस समय सांप सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसके साथ ही कुएं या गड्डे में अनजाने में हाथ न डालें, बरसात में व अंधेरे में नंगे पांव न घूमें तथा जूतों को झाड़कर पहनें।
सांप के काटने का उपचार सांप काटने के उपचार में यह जरूरी है कि पीड़ित व्यक्ति को आपातकालीन चिकित्सा सहायता शीघ्र अति शीघ्र मिल जाए। सांप के काटने पर संयम रखें ताकि हृदय गति तेज न हो। हृदय गति तेज होने पर जहर तुरंत ही रक्त के माध्यम से हृदय में पहुंच कर नुकसान पहुंचा सकता है। पीड़ित व्यक्ति को शांत और आरामपूर्वक से रखें और जहर को फैलने से रोकने के लिए स्थिर रखें, तुरंत एंबुलेंस को कॉल करें और जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता के लिए नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान ले जाएं। स्थिति को देखते हुए डॉक्टर द्वारा पीडि़त व्यक्ति को सांप के काटने से होने वाले लक्षणों का मुकाबला करने के लिए एंटी स्नेक वेनम का इंजेक्शन लगाया जाता है जितनी जल्दी यह इंजेक्शन पीड़ित व्यक्ति को लगता है, ये उतना ही प्रभावी होता है। किसी भी प्रकार की झाड़ फूंक करवाकर समय बर्बाद न करें।डॉ रमण शर्मा ने बताया कि जिला ऊना में एंटी स्नेक वेनम (एएसबी) सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सिविल अस्पतालों तथा क्षेत्रीय अस्पताल में उपलब्ध हैं। चौबीसों घंटे सभी स्वास्थ्य संस्थानों में यह वैक्सीन हर समय लगाई जाती है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में यह वैक्सीन डे डयूटी में लगाई जाती है। आपातकालीन स्थिति में निम्न लिखित नंबरों पर संपर्क करें। मुख्य चिकित्सा ऊना 94180-16440, आपातकालीन सेवाएं 01975-223496, एसएमओ क्षेत्रीय अस्पताल ऊना 94180-75839, जिला आपदा आपातकालीन सेवा केंद्रों में 01975-225049, 01975-225045, 01975-225046 तथा 1077 खण्ड चिकित्सा अधिकारी अंब 01976-260274, 94184-60744, बस्देह्डा 98161-30580, गगरेट 01976-241319, 94184-07111, हरोली 01975-284022, 94184-45330, थानाकलां 01975-273091, 94181-78777 नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।