रोजाना24 : ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कोविड-19 संकट में लोगों की मदद करने के लिए प्रदेश सरकार अनेक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के दायरे को व्यापक बनाया जा रहा है ताकि इस योजना के माध्यम से लोगों को रोजगार दिलाया जा सके। इसी दिशा में मनरेगा के तहत गौशाला का शैड निर्माण आरंभ करने के लिए शैल्फ की शर्त हटा दी गई है तथा इस संबंध में सभी पंचायतों के निर्देश जारी दिए गए हैं। स्पष्ट तौर पर पंचायतों से कहा गया है कि अगर शैड का निर्माण शैल्फ में नहीं है, तो भी यह कार्य आरंभ किया जा सकता है और इसकी कार्योत्तर स्वीकृति ली जा सकती है।वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इसी प्रकार से मनरेगा के तहत प्रत्येक ब्लॉक में हरे चारे की नर्सरी भी तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान पशुओं के लिए हरे चारे की बड़ी समस्या सामने आई, इसलिए अब प्रत्येक खंड में सदाबहार हरे चारे की नर्सरियां तैयार की जाएंगी तथा नर्सरी में तैयार होने वाले पौधे किसानों व पशु पालकों को प्रदान किए जाएंगे ताकि उनके सामने हरे चारे की कोई समस्या न आए। इससे किसान आत्मनिर्भर बनेंगे तथा पशुओं को भी पौष्टिक चारा उपलब्ध हो पाएगा। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचा सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है और विकास कार्यों के साथ-साथ लोगों को रोजगार भी मिलेगा, जिससे गांव की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में लगभग 3.60 लाख लोगों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार दिया गया है और उनके खाते में 60 करोड़ रुपए धनराशि डाली गई। यही नहीं मनरेगा मजदूरों व श्रमिकों की दिहाड़ी 182 रूपए से बढ़ाकर 202 रूपए की गई है।