हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री सहारा योजना: गंभीर बीमारियों के खिलाफ आर्थिक संघर्ष में एक आशा की किरण
हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 में “मुख्यमंत्री सहारा योजना” की शुरुआत की, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह ₹3,000 की आर्थिक सहायता मिलती है, जो उनके इलाज में एक महत्वपूर्ण सहारा साबित हो रही है।
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योजना की मुख्य विशेषताएँ
- लाभार्थी का चयन: इस योजना का लाभ केवल उन्हीं व्यक्तियों को मिलेगा जो मलयिगनेंट कैंसर, लकवा, पार्किंसन, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हीमोफिलिया, थैलासीमिया, क्रोनिक रीनल फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हों।
- पात्रता मानदंड: लाभार्थी हिमाचल प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए और उसकी वार्षिक आय ₹4 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- आवेदन प्रक्रिया: इच्छुक आवेदक मुख्यमंत्री सहारा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आर्थिक सहायता: एक बड़ी राहत
इस योजना की सहायता से, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को उनके इलाज के लिए आर्थिक सहयोग मिलता है, जिससे उन्हें अपनी बीमारियों का सामना करने में मदद मिलती है। इस पहल से न सिर्फ रोगियों को बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक रूप से सहारा मिल रहा है।
संपर्क और सहायता
लाभार्थी और इच्छुक आवेदक हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के हेल्पलाइन नंबर 0177-2621424 और 0177-2628252 पर संपर्क कर सकते हैं या dirhealthdhs@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं।
इस योजना के माध्यम से, हिमाचल प्रदेश सरकार ने साबित किया है कि स्वास्थ्य सेवा और नागरिकों की भलाई उनके प्राथमिक एजेंडे में हैं। मुख्यमंत्री सहारा योजना गंभीर बीमारियों से लड़ रहे लोगों के लिए न केवल एक आर्थिक सहारा है बल्कि उम्मीद की एक किरण भी है।
सहारा योजना के तहत गंभीर बीमारियों जैसे पैरालिसिस, कैंसर, पार्किनसन, मस्क्युलर डास्ट्रॉफी, थेलेसीमिया व किडनी से ग्रस्त व्यक्तियों को पेंशन प्रदान की जाती है, ताकि वह अपने इलाज का खर्च उठा सकें। ऐसे लोगों को इलाज करवाने के लिए राज्य सरकार प्रत्येक माह 3000 रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान करती है।