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स्मार्ट गद्दीः 300 किमी पैदल चलकर भरमौर पहुंचे भेड़ पालकों ने कहा घर पहुंचने सेे पूर्व स्वास्थ्य जांच करवाए प्रशासन।

रोजाना24,चम्बाः गाड़ियों की भीड़ के बीच से भेड़ बकरियों के रेवड़ को निकालने के लिए जूझते,जंगलों व सुनसान जगहों पर चोरी व सीनाजोरी से अपने पशुधन को गंवाते भेड़ पालकों को भरमौर,चुराह,पांगी व लौहल स्पिति के अलावा भले ही कहीं ज्यादा तव्वजो न जाती हो लेकिन इन गडरियों ने कोरोना वायरस से चल रही लड़ाई की आपात स्थिति में भी गजब की जागरूकता दिखाई है।एक ओर कुछ सम्भ्रांत लोग लाॅकडाऊन में वैध-अवैध जैसा जुगाड़ बन पड़ा,लगाकर घर पहुंच कर क्वारंटाइन के नियमों को नहीं मान रहे तो वहीं दूसरी ओर आधुनिकता,सरकार के नित बदलते कायदों से अनभिज्ञ इन भेड़ पालकों ने जागरूकता व जिम्मेदारी का परिचय देते हुए पूरी व्यवस्था को आईना दिखा दिया। भरमौर पहुंचते ही इन भेड़ पालकों ने प्रशासन से स्वयं स्वास्थ्य जांच की मांग की है।मौसम में तबदीली के अनुसार गर्म भू भाग से ठंडे जिलों की चारागाहों भरमौर व लौहल स्पीति की ओर पलायन करने वाले गद्दी समुदाय के घुमन्तु गडरिये इन दिनों वाया जालसू,इंद्रहार जोत व मुख्य सड़क मार्ग से भरमौर क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। कोरोना काल में जारी कर्फ्यू के कारण इन्हें कोई समस्या का सामना न करना पड़े इसलिए सरकार ने इन भेड़पालकों की आवाजाही को निर्बाध बनाया है। लेकिन इस दौरान भेड़पालकों व उनके रेवड़ की स्वास्थ्य जांच के लिए हर जिला व उपमंडलों की सीमाओं पर स्वास्थ्य,पुलिस व पशुपालन विभाग के शिविर लगाए गए हैं ताकि सामन्य लोगों के अलावा भेड़पालकों की आवाजाही व उनके स्वास्थ्य की भी जांच की जा सके.
आज दोपहर भरमौर मुख्यालय में ग्राम पंचायत कुगति के कुछ भेड़पालक पहुंचे तो उन्होंने कहा कि वे कांगड़ा से भरमौर पहुंच गए हैं लेकिन उनकी स्वास्थ्य जांच किसी ने नहीं की है. भेड़ पालक विशम्भर राम ने जिम्मेदार व जागरूक नागरिक होने का परिचय देते हुए कहा कि वे जब कांगड़ा से भरमौर की ओर निकले तो उन्हें ज्ञात था कि कोरोना वायरस के कारण जगह जगह उनसे पूछताछ व स्वास्थ्य जांच होगी जिसके लिए वे पूरी तरह तैयार थे.लेकिन करीब 300 किमी पैदल रास्ते में उनकी स्वास्थ्य जांच के लिए किसी ने पूछा तक नहीं.उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिला के रिड़कमार नामक स्थान पर उनकी भेड़ बकरियों के लिए कुछ दवाइयां दी गईं थी.जिसके बाद द्रम्मण नामक स्थान पर उनसे केवल नाम पता व गन्तव्य के बारे में पूछा गया.
विशम्भर राम ने कहा कि वे अब करीब करीब घर पहुंच चुके हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि उनमें कोरोना जैसी गम्भीर बीमारी के लक्ष्ण हैं या नहीं ? जिस कारण वे अपने परिवार से मिलने में झिझक महसूस कर रहे हैं वे चाहते हैं कि घर पहुंचने से पूर्व उनकी स्वास्थ्य जांच की जाए हालांकि वे नागरिक अस्पताल भरमौर भी स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए गए थे लेकिन उन्हें बताया गया कि आजकल ओपीडी बंद है जिस कारण वे बाजार में दवाई दुकान में पड़ताल करवाने पहुंच गए।
इन भेड़ पालकों ने प्रशासन से मांग की है कि घर पहुंचने से पूर्व उनकी स्वास्थ्य जांच की जाए।
इस संदर्भ में उपमंडलाधिकारी मनीष सोनी ने कहा कि उक्त भेड़ पालकों का पंजीकरण गत रात 11ः30 बजे दुर्गेठी स्थित जांच केन्द्र पर किया गया है। भेड़ पालकों की स्वास्थ्य जांच के लिए टीम भेज रहे हैं.

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