रोजाना24,चम्बा : देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है.महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह हिला डाला है.इस माहामारी से लड़ने के लिए देश के पास पर्याप्त संसाधनों की कमी है.जिसके प्रधानमंत्री राहत कोष व राज्यों के मुख्यमंत्री राहत कोष भरे होने चाहिए.प्रदेश दो सांसदों ने एमपीएलएडी से 66 व 33 लाख रुपये जारी करने की घोषणा की लेकिन अपने मासिक वेतन से रहित कोष में सहायता करने की हिम्मत किसी में नेता में नहीं हुई.जबकि कुछ कर्मचारी संघों ने एक दिन का वेतन देने की घोषणा भी की है.
ऐसे में जनजातीय क्षेत्र भरमौर की दूर दराज के गांव बड़ग्राम के रहने वाले पिंकू राम ने पूरे एक माह का मानदेय मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की इच्छा जताई है.पिंकू राम राजस्व विभाग में पार्टटाईम वर्कर हैं.
यहां यह बताना भी आवश्यक है कि पिंकू राम को 3800 रु मासिक मिलता है और यह राशी उसके परिवर का भरण पोषण करने के लिए भी पूरी नहीं होती.लेकिन पिंकू राम का देश व मानवता से प्रेम बताता है कि देश सेवा के लिए लाखों रुपये की सैलरी होना जरूरी नहीं बल्कि देश के लिए दिल में जज्बा होना जरूरी है.पिंकू राम की घोषणा उन सब नेताओं,सरकारी गैर सरकारी सैक्टर के अधिकारी कर्मचारियों के मुंह पर तमाचा है जो तनख्वाह बढ़ाने कि लिए सौ तर्क देते हैं लेकिन बात जब देश के लिए कुछ करने की आती है तो दिखावा किया जाता है.पिंकू राम की घोषणा पर लोगों ने कहा है कि आज देश व प्रदेश को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है तो सब व्यवसायियों,कर्मचारी,अधिकारी,व नेताओं को एक माह की कमाई राहत कोष में दे कर देश भक्ति दिखाने का अवसर है.