हादसा : गल सड़ चुके लूणा पुल के फट्टे टूटने से रावी में गिरी खच्चर,बाल बाल बचा मालिक.

रोजाना24,चम्बा :  लूणा पुल के गलेसड़े फट्टे टूटने से घोड़े सहित गिरा व्यक्ति.

जनजातीय क्षेत्र भरमौर की स्वागत द्वार मानी जाने वाली ग्राम पंचायत औरा पिछड़ेपन का ही नहीं बल्कि असुरक्षा की शिकार है.इसका उदाहरण ग्राम पंचायत के लूणा गांव को जोड़ने वाले पुल के सड़ टूटने से मिल गया.

आज सांय करीब पांच बजे मनोहर लाल पुत्र रूमी राम निवासी गांव लूणा अपनी खच्चरों के साथ पुल पार कर रहा था इस दौरन गांव की ओर वाले पुल के फट्टे टूट गए जिस कारण मनोहर लाल व उसकी एक खच्चर पुल से नीचे गिर गए.चूंकि मनोहर खच्चरों के पीछे चल रहा था जिस कारण वह की रेलिंग से लटक गया जिसे ग्रामीणों ने मुस्तैदी दिखते हुए निकाल लिया जबकि खच्चर रावी नदी के बहाव में बह गई.

मनोहर लाल ने पुलिस चौकी गैहरा में दुर्घटना की सूचना दी है.घटना की जानकारी पाकर लोनिवि कनिष्ठ अभियंता भी मौके पर पहुंचे लेकिन ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों को मौका करने की मांग की.मनोहर लाल का कहना है कि पांच माह पूर्व भी उसकी एक खच्चर इसी पुल से गिर कर मर चुकी है.

दुर्घटना के बाद ग्राम पंचायत औरा के लोगों ने सरकार,प्रशासन व लोनिवि के खिलाफ गुस्सा प्रकट किया.पंजाब यत के वशिष्ठ युवक मंडल लूणा के प्रधान अनिल, सचिव विक्रम सदस्यों राजीव,दिनेश,इंद्रजीत,संजय,श्याम,सुरेंद्र आदि ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से यह पुल निर्माणाधीन है लेकिन लो नि वि से विभाग न तो नया पुल तैयार हो पा रहा है व न ही पुराने की मुरम्मत.इन लोगों ने कहा कि लकड़ी के इस पुराने पुल की हालत बेहद खराब है.फट्टे सड़ चुके हैं जिन पर मिट्टी पत्थर रख कर काम चलाया जा रहा है.उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया व हैल्पलाईन पर भी शिकायत दर्ज करवाई गई थी लेकिन वहां से भी अभी कोई सहायता नहीं मिली है.लोगों ने कहा कि नियमानुसार पुल का निर्माण कार्य दो वर्ष पूर्व ही पूरा जाना चाहिए था लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि दुर्घटना घटने के बावजूद सरकार ग्रामीणों की समस्याओं को नहीं समझ पा रही.

गौरतलब है रावी नदी पर लूणा गांव को एनएच 154ए से जोड़ने वाले 68 मीटर लम्बे व 2.33 करोड रुपये की लागत से तैयार होने वाले इस पुल का निर्माण लोनिवि ने 24 अप्रैल 2015 को देशराज एंड कम्पनी को सौंपा था.नियमानुसार पुल का निर्माण 23 अप्रैल 2017 को पूरा हो जाना था.ग्रामीणों ने पुल निर्माण के लिए कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया लेकिन प्रशासन व विभाग ने लोगों को बातों वायदों की घुट्टी पिला कर चुप करवा दिया.

पुल कार्य की लेट लतीफी का कारण जानने के लिए अधिशाषी अभियंता लोनिवि मंडल भरमौर राजीव शर्मा को फोनकॉल किया गया तो उन्होंने कॉल रसीव नहीं की.

उधर अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी भरमौर पीपी सिंह ने कहा कि पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को अस्थाई रूप से मुरम्मत कर लोगों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है.

लोगों ने कहा कि वे 31मार्च तक विभागीय कार्यवाही का इन्तजार कर रहे हैं.अगर पुल का कार्य शुरू न हुआ तो 1 अप्रैल से ग्रामीण विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे.