गद्दी समुदाय का मानना है कि भगवान ब्रह्मा द्वारा बसाई श्रृष्टी का संचालन भगवान विष्णु व शिव द्वारा छ:
गद्दी समुदाय में शिव के इस आगमन पर प्रसिद्ध भजन शिव कैलाशों के वासी काफी प्रसिद्ध है जिसमें कहा भी गया है कि पहला पहला डेरा शिवजी चम्बे रा चुगाने,जातरू भरदे जंकारा…दुआ दुआ डेरा शिवजी भरमौर लाया..जातरू भरंदे जंकारा….
मंदिर के पुजारी विनोद शर्मा बताते हैं कि रोजमर्रा की तरह मंदिर में भगवान शिव के रात्रि विश्राम के लिये सेज बिछाई जाएगी.सारी रात शिव नुआला चलेगा जिसमें एंचली गायन से शिव सतुति की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस पर्व पर स्थानीय के अलावा देश के विभिन्न भागों से श्रद्धालु भरमौर पहुंचे हैं.
धर्मराज मंदिर पुजारी लक्ष्मण दत्त शर्मा बताते हैं चूंकि आज यहां भगवान शिव पहुंचने वाले हैं इसलिए उनके साथ उनके गण,राक्षस,भूत,पिशाच के साथ साथ विभिन्न प्रकार के जीव जंतु भी यहां पहुंचेंगे.शिव से यह गण किसी घर में न घुस जाएं इसलिए लोग आज सूर्य अस्त के बाद घर के दरवाजों पर विशेष औषधीय गुणों वाले ‘बेकलें’ झाड़ी की कंटीली टहनियां लगाएंगे.दरवाजे पर लगाए गए इन कांटों को होली दहन के दौरान जलाया जाएगा.
लक्ष्मण दत्त शर्मा बताते हैं कि समय के साथ शिवरात्रि पूजन में बहुत परिवर्तन आया है.अब पूजन सामग्री आसानी से उपलब्ध होने लगी है.देश के कोने कोने से श्रद्धालु भी पहुंचने लगे हैं.
शिवरात्रि के उपलक्ष्य पर आज विद्युत उपमंडल कर्मचारी संघ द्वारा नुआले का आयोजन किया जा रहा है.जिसके बाद कल सुबह यहां भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा.