रोजाना24,चम्बा : गत वर्ष ग्राम पंचायतों द्वारा लोगों को विकास व योजनाओं की सूचना की जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से बड़े आकार के पब्लिक इन्फॉर्मेशन बोर्ड लगाए गए हैं लेकिन इन साईन बोर्ड का कोई उपयोग होता नहीं दिख रहा व न ही इनसे लोगों को सरकार की व ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की जानकारी मिल रही है.हालात यह हैं कि कुछ माह के भीतर ही यह साईन बोर्ड मुरम्मत किए जाने की हालत में पहुंच गए हैं.
प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत विकास योजना के तहत ग्राम पंचायतों को 10×20 फुट के जन सूचना पट्ट स्थापित करने के निर्देश दिए गए जिन्हें ऐसी जगह स्थापित किया जाना था कि सब लोग आसानी से पढ़ सकें.साईन बोर्ड निर्माण में प्रयुक्त होने वाले लोहे के एंगल,टीन,नटबोल्ट व स्थापित करने के लिए प्रयोग होने वाले सीमेंट,रेत बजरी की मात्रा भी निर्धारित की गई है.यहां तक कि योजना में साफ तौर पर लिखा गया है कि लिखाई से पूर्व दो बार प्राइमरी रंग से टीन के बने बोर्ड की पुताई की जानी आवश्यक है.योजना में बोर्ड के निर्माण लागत 55 हजार 5 सौ रुपये प्रति बोर्ड निर्धारित की गई है.ग्राम पंचायत इसके लिए चौदहवें वित्त आयोग या किसी अन्य मद से खर्च कर सकती है.
पूरे प्रदेश में जीपीडीपी के तहत 7617 पब्लिक इन्फॉर्मेशन बोर्ड लगाए गए हैं.मोटे अनुमान अनुसार यह साइन बोर्ड 42 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार होने थे.तकनीकी सहायकों को निर्धारित कसौटी पर गुणवत्ता व पैमाईश कर ढांचा स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
वहीं स्थापित किए जाने के बाद ग्राम पंचायत ने समय समय पर इन साईन बोर्डों पर ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की जानकारी लिखी जानी थी.इसलिए इसे मोटे स्टील की चादर बनाया जाना निर्धारित किया गया था.प्रदेश की ज्यादातर ग्राम पंचायतों में यह कपड़े से बने सस्ते फ्लैक्स से ही बना दिए गए हैं. जिन पर ग्राम पंचायत की कोई क्रिया कलाप व योजनाएं नहीं लिखी जा रही हैं.कुछ पंचायतों में यह फ्लैक्स साईन बोर्ड ऐसी जगह लगा दिए गए हैं जहां से इन्हें हर कोई नहीं देख सकता.
जहां सरकार के धन के दुरुपयोग की बात करें तो पचास हजार से अधिक की लागत से बने इन पब्लिक इन्फॉर्मेशन बोर्ड को नियमों के अनुरूप नहीं बनाया गया है.विकास खंड भरमौर की ग्राम पंचायत गरीमा व पालन में तो यह साईन बोर्ड फट भी गए हैं.और गम्भीर बात यह है कि कुछ ही माह में फट गए इन साईन बोर्डों की मुरम्मत पर पंचायतें फिर से हजारों रुपये खर्च करने की फिराक में हैं.
ग्राम पंचायत पालन के प्रधान राज कुमार बताते है कि जैसे निर्देश विकास खंड अधिकारी से प्राप्त हुए हैं उन्होंने उसके अनुसार ही कार्य करवाया है.जबकि कुछ पंचायत प्रधानों ने कहा कि जिस कार्य के लिए पंचायत स्वयं धन की व्यवस्था कर कार्य पर खर्च कर रही है तो उसकी गुणवत्ता की जिम्मेदारी भी उसी पंचायत की है.
सूत्र बताते हैं कि बोर्ड लगाने के कार्य में बड़े स्तर पर गोलमाल होने की सम्भावना है.अगर सरकार इसकी जांच करवाती है तो करोड़ों रुपये के गजबड़झाले का पर्दाफाश हो सकता है.
विकास खंड भरमौर में ग्राम पंचायत सचूईं,भरमौर व चोबिया में साईन बोर्ड बनाने में फ्लैक्स का प्रयोग नहीं हुआ है जबकि अन्य 26 ग्राम चायतों में इन बोर्ड के निर्माण में फ्लैक्स का प्रयोग किया गया है.
वहीं खंड विकास अधिकारी मोहिंदर राज बताते हैं कि यह उनके भरमौर कार्य सम्भालने से पूर्व का काम है.इस बारे मेें विभाग के तकनीकी सहायकों व अभियंता से पूछताछ करेंगे.