रोजाना24,चम्बा : भरमौर उपमंडल की ग्राम पंचायत घरेड़ में आज आईटीबीपी के जवान बदरी राम के स्मारक का अनावरण किया गया.आईटीबीपी द्वारा शहीद के गांव में ही यह स्मारक बनाया गया है.स्मारक अनावरण पर आीटीबीपी जवानों व अधिकारियों सहित शहीद के स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.इस अवसर पर आईटीबीपी के सहायक निरीक्षक नैन सिंह रावत ने शहीद बदरी राम की शहादत के बारे उपस्थित जनसमूह को बताया कि 22 अगस्त 2099 की सुबह जानकारी मिली कि जम्मू कश्मीर के डोडा जिला के भटगवारी नामक स्थान में आतंकवादी छुपे हुए हैं.जिन्हें मारने या पकड़ने के लिए आईटीबीपी ने एक दस्ता तैयार किया जिसमें बद्री राम भी शामिल थे.जिस वक्त बद्री राम अपने साथियों के साथ सर्च ऑपरेशन पर आगे चल रहे थे इस दौरान आतंकवादियों ने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.जिसमें बद्री राम को कई गोलियां लग गईं गम्भीर रूप से घायल बदरी राम ने जबावी कार्यवाही में फायरिंग करते हुए आतंकवादिओं को पीछे हटने पर मजबूर किया इस दौरान वे अपने साथियों को सुरक्षित करने के प्रयास में स्वंय शहीद हो गए.शहादत के वक्त 32 वर्षीय बद्री राम सुरक्षा बल में तेरह वर्ष का अनुभव प्राप्त कर चुके थे.इसी अनुभव ने उनमें देश के लिए जान न्यौछावर करने के जज्बे को मजबूत किया था.
सहायक निरीक्षक नैन सिंह रावत ने कहा कि शहीद बद्री राम ने देश की रक्षा के लिए अपनी सर्वोच्च कुर्बानी दी है इसलिए उनके स्मारक की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है.
इस अवसर पर उपस्थित ग्राम पंचायत घरेड़ के प्रधान मिलाप चौहान ने शहीद स्मारक निर्माण के लिए आईटीबीपी टीम का आभार जताया.उन्होंने कहा कि शहीद के स्मारक की सुरक्षा के लिए पंचायत वहां सुरक्षा दीवार बनवाएगी उन्होंने कहा कि इस स्मारक की सुरक्षा के लिए घरेड़ गांव का बच्चा बच्चा कार्य करेगा.
स्मारक अनावरण के अवसर पर शहीद बद्री राम की माता कमला देवी,उनकी पत्नी तृप्ता देवी,पुत्र अजितेष चौहान,आीटीबीपी के एचसी इम्तियाज खान,तेजपाल,भगत राम,सीटी सोहन लाल,अश्विन कुमार,सुरजीत सिंह सैनी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे.
गौरतलब है कि शहीद बद्री राम के छोटे पुत्र आशीष चौहान ने भी अपने पिता के बहादुरी भरे जज्बे से प्रेरित होकर इस वर्ष आईटीबीपी में भर्ती हो गया है.देश की सुरक्षा धर्म को ध्यान में रखते हुए वे अपने शहीद पिता के स्मारक अनावरण के अवसर पर भी छुट्टी नहीं आये.