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अनजाने से गांव की अनदेखी परम्परा है 'खप्पर बुड्ढा' !

रोजाना24,चम्बा : हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिला में स्थित छतराड़ी गांव में आज का दिन बहुत महत्व पूर्ण रहा.गांव में स्थित प्राचीन शक्ति माता मंदिर में आज तीन दिवसीय मेलों का शुभारम्भ हुआ.यूं तो हर क्षेत्र के मेलों का अपना महत्व होता है लेकिन इस प्रचीन गांव के मेलों की परम्परा जितनी पुरानी है उतनी ऐतिहासिक व रोचक भी है.

गांव के वरिष्ठ नागरिकों के अनुसार यह मेले रियासत काल से चल रहे हैं लेकिन कुछ लोग इन्हें सदियों पुरानी रीत बताते हैं.राधाष्टमी के ठीक अगले दिन अर्थात आज इस गांव में मंदिर के पुजारियों ने देवी की प्रतिमा को स्नान करवा कर उसका गहनों से श्रंगार किया.जिसके बाद शुरू हुआ यहां प्रचीन परम्परा के निर्वहन का सिलसिला.जिसमें खप्पर बुड्डा का आयोजन किया गया.बेहद रोचक इस खप्पर बुड्ढा को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हुए थे.विशेष पारलौकिक शक्ति भरे मुखौटे पहने गद्दी समुदाय के लोग साक्षात देवता लग रहे थे.परम्परा के अनुसार मुखौटा पहने खप्पर बुड्डों से छेड़छाड़ करने पर आसपास खड़े उनके सुरक्षा गार्ड छेड़छाड़ करने वालों पर बिच्छु बूटी व कुछ अन्य औषधीय पौधों की टहनियों से हमला कर देते.इस दृष्य को देखने के लिए लोग घंटों खड़े रहे.

स्थानीय लोग बताते हैं कि सदियों पूर्व यहां एक राक्षस ने आतंक मचा रखा था देवी शक्ति ने उसका संहार कर लोगों को राहत दिला्ई थी.उसी घटना की याद में यह खप्पर बुड्डा का रूपांतरण किया जाता है.

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