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…जगह ही इतनी कम थी कि वापिस लौटना पड़ा !

रोजाना24,चम्बा : मणिमहेश यात्रा के दौरान भरमाणी माता मंदिर में पूजा को अनिवार्य माना जाता है.सामान्य दिनों में श्रद्धालुओं की कम संख्या के अनुसार भरमाणी माता मंदिर परिसर काफी सुविधाजनक है लेकिन बात जब मणिमहेश यात्रा की आती है तो यात्रियों को कतारों  में खड़े होने के लिए भी जगह नहीं बचती.मंदिर परिसर के आसपास बने बेतरतीब निर्माणों के कारण मंदिर परिसर में यात्रियों के खड़े होने तक के लिए जगह कम पड़ जाती है.कई बार यात्री बिना पूजा किए ही लौट आते हैं लुधियाना के श्रद्धालु रजनीश,सतनाम,कुलजीत,सतिंदर ने कहा कि राधाष्टमी पर्व से दो दिन पूर्व जब वे भरमाणी माता मंदिर पहुंचे तो वहां तिल धरने के लिए जगह नहीं दिख रही थी.काफी देर तक इंतजार तक इंतजार करने के बाद उन्हें वापिस लौटना पड़ा.

गौरतलब है कि भरमाणी माता मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण व सुविधाएं बढ़ाने के नाम पर लाखों रुपये  खर्च किए जा चुके हैं लेकिन जमीनी हकीकत देख लगता नहीं कि प्रशासन ने यहां सलीके से कोई  कार्य किया हो.पेयजल स्रोत के पास स्नानगार,सराय भवन,रसोईघर जैसे निर्माण कर रखे हैं.जिस कारण यात्रियों को खड़े होने के लिए भी जगह नहीं रहती.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर में श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान करने के लिए व्यवस्थित तरीके से सराय भवनों व स्नानगार का निर्माण किया जाना चाहिए.

हालांकि अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर बताते हैं कि भरमाणी माता मंदिर में नये सिरे कार्य किये जाने की योजना तैयार की जा रही है जिसमें इस मंदिर को रज्जू मार्ग से जोड़ना भी शामिल है.सरकार व प्रशासन की यह योजनाएं कब फलीभूत होंगी यह तो बाद की बात है लेकिन हर बार की तरह इस बार भी यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है इस पीड़ा को वे कभी भुला नहीं पाएंगे.

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