रोजाना24,चम्बा : मणिमहेश कुंड के जल से होगा शक्ति माता का स्नान.
मणिमहेश डलझील में राधाष्टमी स्नान केवल मानव ही नहीं है बल्कि इसे तो देवी देवता भी महत्वपूर्ण मानते हैं.
मणिमहेश यात्रा राधाष्टमी स्नान से बाद सामाप्त नहीं होती बल्कि यहां यात्रा की एक कड़ी पूरी होती है जबकि दूसरी कड़ी का आरम्भ हो जाता है .स्थानीय लोगों के अलावा अन्य लोग इस कड़ी से अनभिज्ञ हैं.अक्सर यात्री मणिमहेश झील में स्नान करने के बाद वापिस लौट जाते हैं लेकिन इस दौरान वे एक महत्व पूर्ण घटना के साक्षी बनने से वंचित हो जाते हैं. 05 सितम्बर रात 08:42 बजे से शुरू हुए राधाष्टमी पर्व के दौरान डलझील का जल छतराड़ी स्थित शक्ति माता मंदिर ले जाया जाएगा.07 सितम्बर को देवी शक्ति की प्रतिमा को इस जल से स्नान करवाया जाएगा.
मंदिर के पुजारी सुरेश शर्मा बताते हैं कि शक्ति माता के स्नान के लिए राधाष्टमी पर्व के दौरान मणिमहेश झील के जल का प्रयोग किया जाता है.देवी को स्नान व पूजा अर्चना के बाद यहां तीन दिवसीय मेलों का शुभारम्भ होता है.इन मेलों की विशेषता यह है कि इसमें पारम्परिक कार्यक्रमों को मूल रूप से प्रस्तुत किया जाता है.देव प्रतिमाओं को पालकी में उठाकर स्थानीय देवमंदिरों तक ले जाया जाता है.प्राचीन ‘खप्पर गुड्डा’ व ‘आली माली’ छतराड़ी की पहचान हैं.
सुरेश शर्मा ने कहा कि मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा खेलों का आयोजन भी किया जाता है.
गौरतलब है कि चम्बा जिला के मैहला उपमंडल में स्थित छतराड़ी घाटी में प्राचीन शक्ति माता मंदिर स्थित है.पुरातत्व व धार्मिक महत्व के इस मंदिर के प्रांगण में हर वर्ष राधाष्टमी के ठीक अगले दिन देवी की प्रतिमा को मणिमहेश के डल से लाए गए जल से स्नान करवाया जाता है.जिला स्तरीय इस मेले का आयोजन स्थानीय पंचायत व गैर सरकारी संगठन के सहयोग से किया जाता है.पुलिस व प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस जवानों की व्यवस्था करते हैं.इस प्रकार मणिमहेश यात्रा की कड़ी इस प्रचीन मंदिर से जुड़ जाती है.